July 4, 2024

साइकलिंग के लिए नहीं है ट्रेक, आम सड़क पर हादसे का खतरा

पांच किलोमीटर का ट्रेक बनाने का लक्ष्य नहीं हुआ पूरा
कोरबा। शहर में उद्यानों को छोडक़र बाकि जगह पैदल चलने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है। सुबह और शाम को वॉक करने वाले लोगों को भीड-भाड़ वाले सडक़ से होकर गुजरना होता है। कई बार सडक़ दुर्घटना का भी शिकार हो जाते हैं। यही हाल साइकिलिंग करने वालों के साथ परेशानी है। सेहत बनाने के लिए साइकिलिंग को सबसे उपयुक्त माना जाता है। लिहाजा शहर में साइकिलिंग करने वालों की संख्या अब बढ़ने लगी है। इसके बाद भी यहां ट्रेक नहीं है।
साइकिलिंग के लिए कम से कम तीन से चार किलोमीटर लंबी ट्रेक होनी चाहिए। लेकिन कोरबा शहर में कहीं भी साइकिलिंग के लिए ऐसी ट्रेक नहीं है जहां पर सिर्फ साइकिलिंग की जा सके। वर्तमान में शहरवासी सुबह रिस्दी से झगहरा मार्ग पर, बालको से काफी प्वाइंट मार्ग पर तो एनटीपीसी क्षेत्र के लोग बल्गी मार्ग पर साइकिलिंग करने जाते हैं। इन सडक़ों पर भारी वाहनों का दबाव रहता है। दुर्घटना की आंशका बनी रहती है। लिहाजा शहर में साइकिलिंग के लिए सर्वसुविधा युक्त ट्रेक बहुत जरूरी है। शहर में कई बार साइकिलिंग प्रतियोगिता होती है तो खिलाडिय़ों को भी काफी परेशानी होती है। शहर के मुख्य सडक़ों के किनारे जगह है, जहां निगम द्वारा नए सिरे से फुटपाथ का निर्माण किया जा रहा है। फुटपाथ बनते ही वहां कब्जा होना शुुरु हो चुका है। दरअसल फुटपाथ पर बेरिकेटिंग नहीं होती, अगर साइकिलिंग ट्रैक तैयार किया जाता है तो वहां पर बेरिकेटंग की गई होती। इससे अतिक्रमण की संभावना कम रहती। प्रोफेशनली साइकिलिंग करने वाले शहरवासियों की साइकिल 10 हजार से लेकर 35 हजार रुपए तक की होती है। ये साइकिल वजन में काफी हल्की होती हैं। जरा सा भी गडढ या सडक़ ऊपर-नीचे होने पर बैलेंस बिगड़ जाता है। सडक़ खराब होने की वजह से काफी परेशानी होती है। सूत्रों की माने तो नगरीय प्रशासन विभाग ने कोरबा निगम को 2017-18 तक के लिए दो किलोमीटर, 2018-19 तक के लिए 5 किलोमीटर और 2019-20 के लिए पांच किलोमीटर का ट्रेक बनाने का लक्ष्य दिया था। गार्डन और ग्राउंड साइकिलिंग के लिए उचित नहीं है। दरअसल सुबह और शाम को पहले ही गार्डन और ग्राउंड में खेल प्रेमी की वजह से जगह नहीं रहती। साइकिल लेकर पहुंचने वालों को लोग मना करते हैं। कई बार विवाद की भी स्थिति बनती है।

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