हनुमान प्रकाटउत्सव पर राकेश पांडेय राम नाम लिखित बुक करेंगे भेंट
-विनोद उपाध्याय
कोरबा (हरदीबाजार)। हरदीबाजार के गांधीनगर में निवासरत राकेश पांडे (56) पिता बलदाऊ प्रसाद पांडेय अभी तक 11 लाख 51 हजार 121 राम नाम, डिब्बे वाली कापी में लिख चुके हैं। 2020 में जब कोरोना काल में लॉकडाउन लगा था तभी से उन्होंने अपनी मां कौशल्या देवी पांडेय से प्रेरणा लेकर राम नाम लेखन प्रारंभ किया। वे प्रतिदिन समय निकाल कर दो से चार पेज लिखते हैं जो आज तक अनवरत जारी है और वे अब लिखते ही रहेंगे। वे जहां भी तीर्थ स्थल जाते हैं अपने द्वारा लिखित राम नाम की एक बुक भेंट करते हैं।
राकेश पांडेय ने बताया कि उज्जैन महाकाल मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, बाबा बैद्यनाथ मंदिर व पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भेंट चढ़ा चुके हैं मंगलवार को हनुमान प्रकाटउत्सव पर अपने लेखन से लिखा हुआ राम नाम एक बुक सराईसिंगार बजरंगबली संकट मोचन मंदिर में अर्पण करेंगे। राकेश पांडेय मुलत: जांजगीर के निवासी हैं। उनकी धर्मपत्नी शासकीय हाईस्कूल अमगांव में शिक्षिका है और वे स्वयं एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक है। पांडेय ने बताया कि वे रामायण, प्रति मंगलवार हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ घर पर ही करते हैं। पांडेय स्वाभाव से शांत प्रवृत्ति के हैं। वे कहते हैं कि खाली समय और खाली दिमाग शैतान का। तो जब भी खाली समय और खाली दिमाग हो तो आप सभी प्रभु श्री राम का नाम स्मरण करते रहें, लिखते रहे। सच्चे कर्म और ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था ही आत्मिक शांति और संतुष्टि है। इससे बड़ा धन हो ही नहीं सकता, जिसे न कोई चुरा सकता है न छीन सकता है।