कोरबा लोकसभा में शहरी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं की संख्या अधिक
0 जीत के लिए बिठाना पड़ेगा समीकरण
कोरबा। लोकसभा कोरबा सीट में आठ विधानसभा पड़ते हैं। यह सामान्य वर्ग की सीट है, लेकिन कोरबा लोकसभा में रामपुर, पाली तानाखार, भरतपुर सोनहत जैसी विधानसभा सीटें भी शामिल हैं जो कि आरक्षित सीटें हैं। इसके अलावा कोरबा, कटघोरा सहित मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर और मरवाही विधानसभा सीट भी कोरबा लोकसभा में शामिल हैं। इसलिए कोरबा लोकसभा की सीट में शहरी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक है, जो प्रत्याशियों की हार जीत में बड़ा अंतर पैदा करेंगे।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, कोरिया, कोरबा, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पड़ता है। इस सीट का गठन परिसीमन आयोग की सिफारिश के अनुसार किया गया था। कोरबा लोकसभा सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। कोरबा संसदीय क्षेत्र अपनी समृद्ध कोयला खदानों, जैसे दीपका क्षेत्र, कुसमुंडा क्षेत्र और गेवरा क्षेत्र के लिए जाना जाता है, जो कि निर्वाचन क्षेत्र में मुख्य आर्थिक आधार का समर्थन करता है। कोरबा शहर नगर निगम होने के साथ-साथ कोरबा जिले की मुख्य प्रशासनिक सीट भी है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार कोरबा की जनसंख्या 12,06,640 थी। इस क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। साल 2009 में कोरबा संसदीय सीट में 7,45,612 वोटरों ने वोट डाला। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. चरणदास महंत ने 3,14,616 वोटों से जीत हासिल की थी। वहीं, साल 2014 में कोरबा में मतदाताओं की संख्या 14,23,729 थी। इनमें 10,44,150 वोटरों ने मतदान किया। इस सीट से बीजेपी के डॉ. बंशीलाल महतो ने 4,39,002 वोटों से जीत हासिल की थी। बात अगर साल 2019 की करें तो कोरबा में 2019 में कुल मतदाताओं की संख्या 15,08,840 थी। इनमें 11,17,598 मतदाताओं ने मतदान किया। इस चुनाव में डॉ. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को कुल 5,23,310 वोट से जीत मिली।
इस बार कोरबा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने सरोज पांडेय को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत पर फिर से भरोसा जताया है। कांग्रेस ने कोरबा लोकसभा सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में 26 हजार 349 वोटों से जीत हासिल की थी। उस समय रामपुर और पाली-तानाखार में ही सबसे अधिक बढ़त मिली थी। कोरिया जिले के तीनों विधानसभा बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ़ और भरतपुर-सोनहत में पार्टी पिछड़ी थी, जहां पिछली बार तीनों सीट पर कांग्रेस के विधायक थे।
साल 2023 विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो यहां की 6 सीटों के परिणाम के आधार पर भाजपा की लीड 60 हजार 154 है। कोरबा जिले में लीड 6034 की है। सर्वाधिक लीड मनेन्द्रगढ़, बैकुंठपुर, भरतपुर-सोनहत और मरवाही में है, जहां 54 हजार से अधिक की लीड है। विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है, लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है।