July 7, 2024

कुदमुरा रेंज के तीन गांवों में हाथियों ने मचाया उत्पात

0 10 ग्रामीणों के रबी की फसल को किया चौपट
कोरबा।
वनमंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज में मौजूद 39 हाथियों के दो अलग-अलग दल ने रेंज अंतर्गत तीन गांव में भारी उत्पात मचाते हुए 10 ग्रामीणों के धान की रबी फसल को मटियामेट कर दिया। हाथियों के इस उत्पात से संबंधितों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। गजदल के उत्पात मचाए जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर नुकसानी का आंकलन शुरू कर दिया है।
कुदमुरा रेंज के कुदमुरा जंगल परिसर में 32 हाथियों का दल धरमजयगढ़ वनमंडल से पहुंचा हुआ है। इस दल में 6 नर, 12 मादा व 14 शावक शामिल बताए जा रहे हैं। दल क्षेत्र में आने के बाद दो दिन तक शांत रहा और जंगल ही जंगल विचरण करते हुए चचिया परिसर पहुंच गया था, लेकिन बीती रात दल अचानक उग्र हुआ और उत्पात करने पर उतारू हो गया। हाथियों का दल तौलीपाली व बैगामार में ग्रामीणों के खेतों में पहुंचकर वहां लगे धान की रबी फसल को बुरी तरह रौंद डाला, जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। तौलीपाली व बैगामार में फसल रौंदने के बाद गजदल कुदमुरा जंगल के कक्ष क्रमांक पी-1140 में पहुंचकर विश्राम करने लगा। सुबह ग्रामीणों ने इन्हें देखा और इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गया है। जहां 32 हाथियों का दल कुदमुरा के निकट पहुंच गया है, वहीं एलोन क्षेत्र में मौजूद 7 हाथी बीती रात आगे का रास्ता तय करते हुए लबेद में दस्तक दे दिया। हाथियों के इस दल ने भी तीन ग्रामीणों के धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। क्षेत्र में मौजूद हाथियों के दल में एक नर, 5 मादा व एक शावक शामिल है। दल लबेद में फसल रौंदने के बाद जंगल के कक्ष क्रमांक 1097 में पहुंचकर डेरा डाल दिया है।
0 डीएफओ अपनी टीम के साथ कर रहे हाथियों की निगरानी

कटघोरा वन मंडलाधिकारी कुमार निशांत क्षेत्र में मौजूद हाथियों की निगरानी को लेकर काफी संजीदा हैं। वे रात में स्वयं गश्त पर हाथी प्रभावित क्षेत्र में अपने मातहतों के साथ जंगल पहुंच जाते हैं। गश्त पर निकले डीएफओ निशांत ने रात्रि 12 बजे के लगभग कापानवापारा क्षेत्र में एनएच-130 के निकट दो हाथी को विचरण करते हुए देखा। उन्होंने हाथी ड्यूटी में तैनात स्टाफ प्रीतम पुराइन व ईश्वर दास मानिकपुरी को निगरानी संबंधी आवश्यक टिप्स भी दिए। कटघोरा वनमंडल में हाथियों की निगरानी मैदानी अमले के अलावा थर्मल ड्रोन कैमरे के जरिए की जा रही है।

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