November 24, 2024

शासकीय स्कूलों की मनमानी,सरकार के आदेश को दरकिनार कर छात्रों से वसूल रहे फीस

शुभांशु शुक्ला

मुंगेली। 9 सितंबर 2020 प्रदेश सरकार के द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूली शिक्षा में छूट प्रदान करते हुए समस्त शासकीय विद्यालयों में सभी प्रकार के शुल्कों पर रोक लगाते हुए पालको को राहत पहुचाने का कार्य किया है। लेकिन कुछ ऐसे भी शासकीय स्कूल है जहां के प्राचार्य के द्वारा प्रदेश सरकार के आदेशो को दर किनार कर अपनी मनमानी करते हुए छात्रों से एडमिशन के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैैं।ऐसा ही एक मामला मुंगेली जिले के ग्राम नवागांव (चीनू) के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है जहां के प्राचार्य आर आर नेताम के द्वारा शासन के आदेशों की सीधे तौर पर अनदेखी करते हुए इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से फीस वसूल कर रहे है। प्राचार्य के द्वारा किये जा रहे मनमानी को लेकर जब पालको ने प्राचार्य से शासन के फीस नही लेने के आदेश के बारे में बताए जाने के बाद भी प्राचार्य ने पालको की बात को अनसुना करते हुए छात्रों से फीस की वसूली किया जा रहा है जिससे परेशान ग्रामीण गांव के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जिले के कलेक्टर से प्राचार्य के द्वारा किये जा रहे मनमानी के बारे में शिकायत करते हुए उक्त प्राचार्य के खिलाफ कार्यवाही करने साथ ही छात्रों से लिये गए फीस की राशि को वापस करने का निवेदन करते हुए ज्ञापन सौंपा है साथ ही इस मामले में जल्द कार्यवाही नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दिया है। वही इस मामले पर जब स्कूल के प्राचार्य आर आर नेताम से बात की गई तो वें छात्रों से लिये जा रहे फीस को शासन के नियमानुसार बता रहे है और अब जब उन्हें कोरोना काल मे फीस नही लेने का आदेश प्राप्त हुआ है तो जिन छात्रों से फीस की राशि ली गयी है उन्हें विधिवत वापस करने की बात कह रहे वही इस बारे में जिले के कलेक्टर पी एस एल्मा ने बताया कि हमारे पास छात्रों से फीस लिए जाने की शिकायत ग्रामीणों के द्वारा प्राप्त हुयी है जिसपर जांच करने के उपरांत उचित कार्यवाही की जाएगी। बहरहाल शिक्षा के स्तर में सुधार लाने तथा ज्यादा से ज्यादा बच्चो को स्कूली शिक्षा प्रदान करने के मकसद से प्रदेश सरकार के द्वारा कई अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन जिस तरह से शासकीय स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों के द्वारा अपना खुद का नियम बनाकर मनमानी किया जाता है इससे शासन के द्वारा बेहतर शिक्षा को लेकर चलाये जा रहे समस्त अभियान पर सवालियां निशान जरूर लग जाता है…।

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