प्रदूषण जांच को लेकर आरटीईओ के अधिकारी नहीं है गंभीर
0 खटारा वाहन भर रहे फर्राटे, धुएं से बढ़ रहा प्रदूषण
कोरबा। जिले में कंडम और खटारा वाहनों का परिचालन हो रहा है। फिटनेस के पैमाने में फेन इन वाहनों के चलने से प्रदूषण बढ़ता है, जिनकी जांच को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं है।
पटाखों से होने वाली प्रदूषण के चलते बीते कुछ वर्षों से दीपावली में आतिशबाजी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने समय निर्धारित कर दिया है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है सकता है कि न्यायपालिका प्रदूषण को लेकर जितनी संवेदनशील है। इसके विपरीत वाहनों के प्रदूषण की जांच को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारी बेपरवाह नजर आ रहे हैं। शहर में जिस स्थान पर आरटीईओ कार्यालय बनाया गया है, वहां भारी वाहनों का पहुंचना मुश्किल है। वाहन परिवहन के फिटनेस और प्रदूषण जांच को लेकर आरटीईओ विभाग बेपरवाह नजर आ रहा है। जिले में 14 वाहन प्रदूषण केंद्र बनाए गए हैं। केंद्रों में दिन भर में मुश्किल से आठ-दस वाहन ही प्रदूषण जांच कराने पहुंचते हैं।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिले के खनिज कांटे घर बिगड़े पड़े हैं। ऐसे में ट्रक चालक अपने वाहनों में ओवर लोड कोयला भर कर चल रहे हैं। भारी वाहनों के ओवर लोड होने वाहन अधिक पिकअप लेता है जिससे धुंआ भी अधिक मात्रा में निकलता है। भारी वाहन से प्रभावित कुआंभट्ठा, टीपी नगर, स्टेडियम रोड, सर्वमंगला, मुड़ापार से होकर निकलने वाले बायपास मार्ग में लोगों को जहरीली धुंए के साए में आवागमन करना पड़ता है। वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों से सालभर के भीतर कितनी कार्रवाई की जाती है इसका भी रिकॉर्ड जिला परिवहन विभाग के पास नहीं है।