भीषण गर्मी के साथ ही शहर से लेकर गांव तक गहराने लगा जल संकट
0 नदी, नालों का जलस्तर सूखा, निस्तारी में समस्या
कोरबा। भीषण गर्मी के साथ ही शहर से लेकर गांव तक जल संकट गहराने लगा है। जिले के बांध व नहर की बदहाली से जहां किसानों के खेत प्यासे हैं। वहीं अब कुआं और हैंडपंप के सूखने से घरों में भी पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। इससे खेत और कंठ दोनों प्यासे रहने को मजबूर हो रहे है।
साल-दर-साल गिरते भू-जल स्तर ने समय से पहले ही तालाब, कुआं और ढोढ़ी जैसे पारंपरिक जलस्त्रोत जवाब देने लगे हैं। इससे लोग एक-एक बाल्टी पानी के लिए जद्दोजहद करते हुए काफी दूर तक जाना पड़ रहा है। गर्मी के दौरान लोगों की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए पीएचई विभाग हर साल खराब हुए हैंडपंप को दुरूस्त करता है, लेकिन हैंडपंप भी लगातार कम हो रहे जलस्तर का शिकार हो कर सूखने लगे है। वहीं शहरी एवं ग्रामीण अंचल में बोर फेल हो जाने के कारण लोगो को पानी टैंकर के सहारे जीवन यापन करने की मजबूरी हो गई है।
हालत यह है कि मई माह के दूसरे सप्ताह में ही आधे तालाबों में पानी नहीं है, जिसमें आने वाले दिनों में एक तिहाई को छोड़कर अधिकांश तालाब इस तरह गर्मी रही तो जलविहीन हो सकते हैं। ऐसे में लाखों ग्रामीण हजारों मवेशियों आम जनमानस को प्यास बुझाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। तो पानी के अभाव में खेतों में लहलहाती फसल सिंचाई के आभाव में दम तोड़ते नजर आएंगे।