July 4, 2024

मेडिकल कॉलेजों की सेहत जांचने हो रहा गुप्त सर्वे!

0 जल्द होगी अव्यवस्थाओं की सर्जरी
कोरबा।
प्रदेश में वर्तमान में 10 मेडिकल कॉलेज हैं। सभी जगह पर्याप्त फंड मिलने और मरीजों के इलाज में निजी अस्पतालों की तरह ही खर्च होने के बाद भी उन्हें वैसी मेडिकल फैसेलिटी नहीं मिल पा रही जैसी निजी अस्पतालों में दी जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इन सब बातों को लेकर राज्य शासन गुप्त रूप से टीम गठित कर सभी मेडिकल कॉलेजों का सर्वे करा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद इस पर गहन विश्लेशण होगा और फिर आचार संहिता समाप्त होने के बाद एकतरफा सभी कमियों की सर्जरी होगी, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज सुविधा मिल सके। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी में कितनी सच्चाई है यह तो आचार संहिता के बाद पता चल सकेगा।
जानकारी के मुताबिक खास बात ये है कि राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेजों के सर्वे के लिए जो टीमें बनाई है, उसमें प्रशासनिक अधिकारी नहीं हैं। इसके पीछे शासन का मंतव्य यह है कि प्रशासनिक अधिकारी कमियों को निष्पक्ष रूप से उजागर नहीं कर पाएंगे, जिससे हकीकत सामने नहीं आ पाएगी। यही वजह है कि यह काम एनजीओ के माध्यम से कराया जा रहा है, जिससे वास्तविकता सामने आए और उसका बेहतर समाधान हो सके। किसी भी राज्य के मेडिकल कॉलेजों में बेहतर इलाज को लेकर मरीजों को बड़ी आस रहती है। राज्य व केंद्र शासन भी अपनी ओर से हर संभव कोशिश करते हैं कि मरीजों को वहां बेहतर से बेहतर इलाज मिल सके। इसके लिए पर्याप्त फंड भी दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद इन अस्पतालों में अपेक्षा अनुरूप मरीजों को इलाज सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। लिहाजा छत्तीसगढ़ में अब इन्हीं कमियों पर विश्लेषण करने राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया है। सभी मेडिकल कॉलेजों के गहन सर्वे के लिए अलग-अलग टीम तैयार की गई है। इन टीमों ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। गुप्त रूप से मेडिकल कॉलेजों में जाकर टीम बारीकी से निरीक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। कई मेडिकल कॉलेजों की तो रिपोर्ट तैयार भी हो चुकी है। कुछ की बाकी है। आचार संहिता खत्म होते ही रिपोर्ट के आधार पर सभी कमियों को दुरुस्त करने एकतरफा अभियान चलेगा। इसके अंतर्गत लापरवाह अधिकारी भी कार्रवाई की चपेट में आएंगे।

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