डिज्नीलैंड मेला में दुकान लगाने वाले तीन व्यवसायियों की मौत से हड़कंप
0 फूड पॉइजनिंग से मौत की आशंका, दो की अस्पताल व एक की मौके पर मौत
कोरबा। शहर के बुधवारी बाजार के पास डिज्नीलैंड मेला लगा हुआ है। इस मेले में उत्तरप्रदेश के तीन लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है। इनकी मृत्यु फूड पॉइजनिंग से होने आशंका जताई जा रही है। दो को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई, जबकि एक की मौके पर ही मौत की खबर है। मामले की सूचना पर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
इस संबंध में मेला संचालक कुलदीप वस्त्रकार ने बताया कि मेला में दुकान लगाने वाले व्यवसायियों में शामिल पांच लोगों ने एक साथ मिलकर खाना बनाया था और इन्होंने खाना खाया। खाने के बाद रात्रि लगभग 3 बजे इन्हें उल्टियां होने लगी और पेट में दर्द की शिकायत हुई। तबियत बिगड़ने पर आनन-फानन में सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान दो लोगों ने दम तोड़ दिया, जबकि तीसरे व्यवसायी की मौके पर ही मौत हो गई थी। शवों को मर्च्युरी में रखने पश्चात उनके परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। घटना कोरबा शहर के सिटी कोतवाली अंतर्गत आने वाले मानिकपुर चौकी क्षेत्र अंतर्गत बुधवारी बाजार स्थित डिज्नीलैंड मेले की है। मृतकों की पहचान सोहेल खान, अनिल कुमार पांडे और समीर खान के रूप में की गयी है। तीनों मृतक उत्तरप्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इस घटना में तीन लोगों की एक साथ विषाक्त भोजन से मृत्यु हो जाना कई सवाल खड़े कर रही हैं। इस घटना के बाद वहां हड़कंप मच गया है। यह मामला संबंधित पुलिस थाना की जानकारी में आ चुका हैं। पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
0 करंट से हुई थी मौत
डिजनीलैंड मेला में तीन व्यवसायियों की मौत से जहां हड़कंप मचा हुआ है, वहीं कुछ साल पहले मेला में एक व्यक्ति की करंट से मौत हुई थी। मेला में मौत का यह पहला मामला नहीं है। इसके अलावा मेला में कई तरह की लापरवाही भी सामने आती रही है। टूटे फूटे झूले हो या फिर प्रिंट रेट से अधिक दर पर सामग्री बेचने का, मेला हमेशा से सुर्खियों में रहता है। हैरानी की बात तो यह है कि इसके बाद भी मेला के फूड स्टॉल की जांच करना खाद्य औषधि सुरक्षा विभाग द्वारा मुनासिब नहीं समझा जाता। विभाग के अधिकारियों ने जैन भवन में आए जादूगर के शो में खाद्यान्न बेचने वाले स्टॉल में दबिश दी थी जहां लापरवाही मिली थी, जबकि मेला में फूड के कई स्टॉल लगे हैं। यहां जांच नहीं करना विभागीय लापरवाही को उजागर कर रहा है।