December 23, 2024

इस बार कॉलेजों का शिक्षा सत्र लोकसभा चुनाव के चलते प्रभावित

0 नई शिक्षा नीति लागू करने की जानकारी नहीं हुई है अपडेट
कोरबा।
पूरे राज्य में उच्च शिक्षा विभाग सत्र 2024-25 से नई शिक्षा नीति लागू करने जा रहा है। इसकी तैयारी उच्च शिक्षा विभाग ने पूरी कर ली है, लेकिन यूनिवर्सिटी व उससे संबद्ध कॉलेजों में ऐसी कोई जानकारी अपडेट नहीं की है, जिससे छात्र-छात्राएं अवगत हो सकें। हालांकि यूनिवर्सिटी में 30 जून को संबद्ध शासकीय व अशासकीय कॉलेजों के प्रमुखों की कार्यशाला आयोजित की गई है। माना जा रहा है कि कार्यशाला के बाद कॉलेजों को नई शिक्षा नीति की जानकारी दी जाएगी।
लोकसभा चुनाव के चलते इस बार कॉलेजों का शिक्षा सत्र प्रभावित हुआ है। जिले के शासकीय व अशासकीय कॉलेज अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। राज्य की अन्य यूनिवर्सिटी से अटल यूनिवर्सिटी में शिक्षण सत्र पीछे चल रहा है, क्योंकि अब यूजी पीजी की परीक्षाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। वहीं सेमेस्टर परीक्षाओं की अभी अनंतिम समय-सारिणी घोषित हुई है, जो जुलाई तक होगी। स्नातक कोर्स का अध्ययन नए सत्र से सेमेस्टर प्रणाली से होना है, इसलिए नया प्रवेश लेने वाले छात्रों को इसे समझने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को नई शिक्षा नीति से अपडेट होना होगा।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 में अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी द्वारा घोषित यूजी पीजी की मुख्य परीक्षा समय-सारिणी के अनुसार 31 मई तक आयोजित की गई थी। इसके कारण 10 जून के बाद कोर्सवार परीक्षा परिणाम जारी किया गया, जबकि सत्र 2024-25 की परीक्षा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पांच जून तक आयोजित होनी है। इससे माना जा रहा है कि इस बार परीक्षा परिणाम जारी होने पर और अधिक समय लग सकता है, जिसका प्रभाव नए सत्र में शुरू होने वाले अध्ययन-अध्यापन पर पड़ेगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
0 16 हजार से अधिक छात्र शामिल होते हैं यूजी से
जिले के शासकीय व अशासकीय कॉलेजों से हर साल यूजी कोर्स करने वाले छात्रों की संख्या अधिक होती है। यूजी की मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या इस बार भी 16 हजार से अधिक है। समय पर परिणाम की घोषणा नहीं होने से ये छात्र अगली कक्षा में प्रवेश लेने की प्रक्रिया पूरी करने इंतजार करते हैं। अकेले गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से ही 8 हजार छात्र-छात्राएं यूजी कोर्स की परीक्षा में शामिल होते हैं। लीड कॉलेज होने के कारण छात्रों की संख्या यहां हर साल अधिक रहती है। इस बार भी संख्या बढ़ने की संभावना है।

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