July 4, 2024

अपनी पहचान खो रहा मुड़ापार तालाब, पांच साल पहले किया गया था सौंदर्यीकरण

0 चारों ओर पॉश रिहायशी इलाका, पूरी तरह सूख चुका है तालाब
कोरबा।
शहर के बीच स्थित पुराने तालाब का 5 साल पहले सौंदर्यीकरण किया गया। तब प्लान था कि पानी के इंतजाम के लिए तालाब के गहरीकरण के साथ गार्डन का निर्माण किया जाएगा। बच्चों के लिए मोटर बोट चलाने की भी योजना थी। काम में लेट लतीफी हुई। कई बार बजट को रिवाइज भी किया गया। आखिरकार सौंदर्यीकरण का काम पूरा भी हो गया। पाथवे के साथ स्ट्रीट लाइट लगा दिए गए, सुंदर बाउंड्रीवाल बनाया गया, लेकिन जिससे किसी तालाब की पहचान होती है, पानी ही तालाब से नदारद है। कभी कल-कल जल बहने वाला तालाब अब सूखे मैदान की तरह दिखने लगा है।
हम बात कर रहे हैं मुड़ापार तालाब की। औद्योगिक शहर होने के कारण कोरबा दिनों दिन गर्म होता जा रहा है। तापमान गर्मियों में 46 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है। मुड़ापार तालाब जिस जगह पर है। उसके चारों ओर पॉश रिहायशी इलाका है। बड़े-बड़े अपार्टमेंट बने हुए हैं। तालाब रहने से मनोरम नजारा देखने को मिलता था। जानकारों की मानें तो ऐसे तालाब पर्यावरण के लिए किसी धरोहर से कम नहीं होते। ग्राउंडवाटर लेवल को रिचार्ज करने के साथ ही वह अपने आसपास के तापमान को लगभग 5 डिग्री सेल्सियस तक कम कर देते हैं। पर्यावरण के लिए बेहद उपयोगी ग्राउंडवाटर लेवल होता है। कोरबा में पहले कई तालाब थे, लेकिन सारे या तो बेजाकब्जा की भेंट चढ़ गए या उन्हें पाट दिया गया है। इन सभी तालाबों में से मुड़ापार का ये तालाब सबसे बड़ा है, जिसका क्षेत्रफल काफी बड़ा है।

दो तीन साल पहले तक इस तालाब में 12 महीने पानी भरा रहता था, लेकिन कुछ समय पहले इस तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया और अब इस तालाब में एक बूंद पानी भी नहीं बचा है। तालाब के सूखने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी सामने आ रहा है कि बरसात के अलावा शहर का पानी नालों के जरिए तालाब में आता था, जिसे तालाब साफ रखने के नाम पर रोक दिया गया। यह तालाब शहर का एक ऐसा तालाब है जो अब तक सुरक्षित बचा हुआ है। इसका क्षेत्रफल इतना बड़ा है कि एक मनोरम नजारा बनता था, लेकिन अब वह पूरी तरह से गायब हो चुका है। फेंसिंग और अन्य काम किए गए हैं। रोशनी की व्यवस्था की गई थी। रखरखाव के अभाव में तालाब की ये दुर्दशा हो गई है। यह साफ तौर पर नगर निगम और अधिकारियों की उदासीनता है। भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद भी तालाब में एक बूंद पानी नहीं है। इसे उपेक्षित छोड़ दिया गया है। तालाब को व्यवस्थित किया जाना चाहिए, ताकि शहरवासियों को इसका लाभ मिल सके।

Spread the word