July 2, 2024

ज्योत्सना महंत ने जीता हाई प्रोफाइल कोरबा लोकसभा सीट, भाजपा की सरोज पांडेय को किया परास्त

कोरबा। हाई प्रोफाइल कोरबा सीट कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने जीत ली है। उन्होंने भाजपा की सरोज पांडेय को हराया। मतगणना प्रारंभ होने के बाद कांग्रेस ने शुरुआती बढ़त हासिल की। चरण दर चरण रुझान और वोटों का अंतर बढ़ता रहा। प्रत्याशियों और समर्थकों की धड़कनें भी तेज होती रही। दोपहर तक लगभग 6336 वोटों से कांग्रेस को बढ़त थी। 8वें चरण में कांग्रेस को 7237 वोट से बढ़त हासिल हुई। 15वें चरण तक कांग्रेस प्रत्याशी बड़ी जीत की ओर अग्रसर हो गई थी। 23838 वोट से से आगे थी। भाजपा प्रत्याशी को 4 लाख 9 हजार 147 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस की ज्योत्सना को 432985 वोट मिल चुके थे। वहीं जानकारी के अनुसार ज्योत्सना महंत ने सरोज पांडेय को 43263 से परास्त कर कोरबा लोकसभा सीट पर जीत हासिल की।

मंगलवार को सुबह 8 बजे से ईवीएम से जनादेश बाहर आना शुरू हुआ। लोकसभा सीट में इस बार सर्वाधिक 27 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय व कांगे्रस उम्मीदवार ज्योत्सना महंत के बीच कांटे की टक्कर है। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत के मार्गदर्शन में मतगणना भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार चरणबद्ध प्रक्रिया का पालन करते हुए आईटी कॉलेज झगरहा में शुरू की गई। सर्वप्रथम प्रात: 6 बजे प्रेक्षक, कलेक्टर व रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी, अभ्यर्थी व राजनीतिक दलों के अधिकृत पदाधिकारियों की उपस्थिति में स्ट्रॉन्ग रूम के ताले खोले गए। इस दौरान संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई। इसके पश्चात सीलबंद कंट्रोल यूनिट को संबंधित विधानसभा के मतगणना कक्ष में निर्धारित टेबल पर पहुंचाया गया। कोरबा संसदीय सीट में चार जिला के आठ विधानसभा क्षेत्र समाहित हैं। इसमें कोरबा जिले के रामपुर, कोरबा, कटघोरा और पाली-तानाखार विधानसभा क्षेत्र के मतों की गणना आईटी कॉलेज रूमगरा में की गई। इसके अलावा भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर व मरवाही के मतदाताओं ने सांसद चुनने वोट डाले थे। कोरबा सीट पर इस बार भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर की नेत्री भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को मौका दिया, जबकि कांग्रेस ने सांसद ज्योत्सना महंत को रीपिट किया है। कोरबा लोकसभा सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस और एक बार भाजपा को जीत मिली है। हाई प्रोफाइल सीट पर जीत हासिल करने दोनों ही दलों ने पूरा जोर लगाया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मतगणना कार्य के लिए 14 टेबल व 10 टेबल पोस्टल बैलेट, ईटीपीबीएस के लिए लगाया गया था। सर्वप्रथम सुबह आठ बजे से पोस्टल बैलेट, ईटीपीबीएस की मतगणना कार्य प्रारंभ किया गया। इसके बाद 8.30 बजे ईव्हीएम मशीनों से जनादेश बाहर आना शुरू हुआ। कोरबा लोकसभा सीट पर जनता किसी एक पार्टी को लगातार नहीं चुनती है। सीट पर पहली बार 2009 में आम चुनाव हुए थे। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. चरणदास महंत ने भाजपा की करूणा शुक्ला को मात दी थी। दूसरी बार 2014 में हुए चुनाव में भाजपा के डॉ. बंशीलाल महतो ने डॉ. चरणदास महंत को हराया था। तीसरी बार 2019 में जनता ने एक बार फिर कांग्रेस की झोली में जीत डाली थी। ज्योत्सना महंत ने भाजपा के ज्योतिनंद दुबे को हराया था।

0 थ्री लेयर सुरक्षा के साए में गिनती
मतगणना को लेकर थ्री लेयर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। 500 पुलिस बल की तैनाती की गई। शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहों में जवानों की ड्यूटी लगाई गई। इसके अलवा सुबह 5 से रात 11 बजे तक यातायात को डायवर्ट भी किया गया। मतगणना केंद्र आईटी कॉलेज झगरहा में शांतिपूर्ण मतगणना कराये जाने के उद्देश्य से त्रि स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। त्रि स्तरीय सुरक्षा में आउटर कार्डन में जिला पुलिस बल, मध्य कार्डन में नगर सैनिक व वन कर्मी और इनर कार्डन में केंद्रीय अर्ध सैनिक बल को लगाया गया था। जिसमें सभी राजपत्रित अधिकारी, थाना, चौकी प्रभारी, कर्मचारी, यातायात बल, नगर सैनिक व वन कर्मी मिलाकर 500 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी।
0 कोरबा लोकसभा सीट से कभी नहीं जीते ब्राह्मण प्रत्याशी
भाजपा एक बार फिर से कोरबा लोकसभा सीट से बाहरी प्रत्याशी व ब्राम्हण चेहरे राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय पर दांव लगाया था। कोरबा विधानसभा समेत शहरी इलाके से ताल्लुक रखने वाले विधानसभा से भाजपा को बढ़त मिली। बावजूद 8 विधानसभा वाले इस लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपनी जीत का परचम लहरा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत अपनी पत्नी ज्योत्सना महंत को संसद भेजने में कामयाबी हासिल की। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बाहरी प्रत्याशी को इस सीट में जीत के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि स्थानीय प्रत्याशी आसानी से जीत के करीब पहुंचते हैं। भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने कोरबा सीट को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं दूसरा पहलू यह है कि यहां से कभी भी ब्राह्मण प्रत्याशी जीतकर संसद नहीं पहुंचा है। भाजपा ने तीसरी बार ब्राह्मण प्रत्याशी सरोज पांडेय को मैदान में उतारा था। पहले 2009 में करुणा शुक्ला, 2019 में ज्योतिनंद दुबे, अब 2024 में सरोज पांडेय। इनमें से साल 2009 और 2019 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि ओबीसी चेहरे डॉ. बंशीलाल महतो ने साल 2014 में यहां जीत दर्ज की थी। 2019 में भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे वैसे तो काफी वोट मोदी लहर में ले आये थे, लेकिन फिर भी 26 हजार वोटों से हार गए। लेकिन इस बार न तो मोदी लहर है न राष्ट्रवाद का मुद्दा, ऐसे में प्रत्याशी ने चुनाव लड़ा। 4 मई को जनादेश आना शुरू हुआ तो सुबह से ही कांग्रेस प्रत्याशी ने बढ़त बनाये रखी और छत्तीसगढ़ में एकमात्र कोरबा लोकसभा सीट पर लगभग 40 हजार मतों (समाचार लिखे जाने तक) से लीड कर विजय हासिल कर इतिहास बदलने की ओर अग्रसर है।

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