November 21, 2024

सीबीएसई की एक कक्षा में अब 40 से ज्यादा बच्चों का दाखिला नहीं

0 सीमित रहेगी कक्षाओं में दर्ज संख्या, अधिक पर लेनी होगी अनुमति
कोरबा।
सीबीएसई से संबद्धता लेने वाले स्कूल प्रत्येक कक्षा में 40 से अधिक बच्चों को एडमिशन नहीं दे सकते। 40 से अधिक बच्चे होने पर सेक्शन बढ़ाने के लिए अनुमति लेनी है। सीबीएसई ने दो साल पहले तीन सत्रों के लिए अपवाद के तौर पर तबादले या अन्य विशेष परिस्थितियों में 45 बच्चों को प्रवेश देने की छूट दी थी, लेकिन इसके लिए बकायदा पोर्टल पर आवेदन कर अनुमति लेनी थी।
कई निजी स्कूलों में अधिक संख्या में बच्चों को बिठाया जाता है। बता दें कि समग्र शिक्षा ने देश में शिक्षा नर्सरी- केजी के स्तर पर 20-1, प्राइमरी स्तर पर 30-1 और मिडिल स्कूल के स्तर पर 30-1 का छात्र-शिक्षक अनुपात निर्धारित किया है। वहीं हर स्तर पर वर्ष 2025 तक 20-1 के अनुपात का लक्ष्य तय किया गया है। स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों से संबद्धता देता है। सीबीएसई ने संबद्धता देने के लिए मापदंड तय किए हैं, इसमें समय-समय पर जारी किए जाने वाले गाइडलाइन की जानकारी सभी स्कूलों को दी जाती है। सीबीएसई ने स्पष्ट कहा है कि संबद्धता लेने और उसे नियमित करने के लिए सभी नियमों और शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
सीबीएसई ने प्रत्येक कक्षा में छात्रों की संख्या को लेकर सख्त नियम तय किए हैं। सीबीएसई के संबद्धता नियम 2018 के नियम 4.8 के अनुसार स्कूल प्रत्येक कक्षा में सिर्फ 40 बच्चों को ही प्रवेश दे सकते हैं। इस नियम के अनुसार प्रत्येक छात्र के लिए फर्श पर एक वर्गमीटर जगह होनी जरूरी है। इसे लेकर सीबीएसई ने कई बार सर्कुलर भी जारी किए हैं, लेकिन अधिकांश स्कूल इस नियम की अनदेखी करते हैं। स्कूल संबद्धता के लिए निर्धारित नियम और शर्त पूरी करने और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की स्थिति में 40 से अधिक बच्चों के प्रवेश की जरूरत पर सेक्शन बढ़ाने आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए 30 जून तक सीबीएसई के सरस पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है।
सीबीएसई ने 2 अगस्त 2023 को एक पत्र जारी किया था, इसके तहत तबादले पर आने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के बच्चों को मिड सेशन में एडमिशन देने की स्थिति में ही 45 बच्चे की सीमा बढ़ाने की छूट दी थी। ये अगले तीन शैक्षणिक सत्रों यानी (सत्र 2023-2024, 2024-2025 और 2025-2026) में जूनियर कक्षाओं में लागू होना था, लेकिन स्कूलों को इसके तत्काल बाद अगले सत्र से 40 बच्चों की सीमा का पालन करना था। सीबीएसई के पत्र के अनुसार अगले तीन शैक्षणिक सत्रों में अपवाद के तौर पर प्रत्येक सेक्शन में 45 बच्चों को एडमिशन देने पर विवेक से निर्णय लेने को कहा गया था। यह भी तबादले पर आने वालों के बच्चों और विशेष परिस्थितियों में ही लागू होना था, लेकिन अधिकांश स्कूल मनमानी पर उतर आए हैं।

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