विभिन्न समस्याओं को लेकर एटक ने लिया आंदोलन का निर्णय
कोरबा। गुरुवार को एटक कार्यालय बालकोनगर में कार्यकारिणी सदस्यों एवं पदाधिकारियों की विस्तारित बैठक हुई। बैठक में प्रबंधन द्वारा श्रमिक विरोधी नीतियों में बेइंतहा तेजी के खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया गया।
बैठक में यूनियन के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने बताया कि बालको में पीएमई को आधार बनाकर प्रत्येक पीएमई कराने वाले ठेका कर्मचारियों से अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 2000 रुपये बालको चिकित्सालय द्वारा लिया जाता है। बालको प्रबंधन द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य कार्ड (हेल्थ इंश्योरेंस) भी पूरे परिवार का नहीं है। इसमें माता-पिता को सम्मिलित नहीं किया गया है और किसी भी बीमारी के उपचार हेतु लगभग एक हजार से 5000 रुपये ऊपर से देने पड़ते हैं। उन्होंने मांग की है कि बालको चिकित्सालय में बालको में कार्यरत कर्मचारियों के लिए ओपीडी सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
मनीष नाग ने बताया कि बालको प्रबंध अनावश्यक रूप से श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए किसी का भी कार्ड कभी भी बंद कर देता है बिना कोई चेतावनी पत्र या चार्ज शीट की कार्रवाई किए बिना। प्रबंधन का उद्देश्य मात्र पैसे की कटौती है, क्योंकि इससे उसकी उपस्थिति बोनस कट जाता है।
पवन कुमार वर्मा ने कहा की बालको, श्रमिकों में भेदभाव कर रहा है। बालको में कार्यरत मुख्य रूप से उत्पादन, उत्पादकता एवं विभिन्न सेवाओं में अपनी सेवा देने के पश्चात भी विभिन्न भत्ते समान रूप से नहीं मिलते। प्रभाग कांत पांडे ने बताया कि बालको प्रबंधन लगातार श्रमिक विरोधी कार्यों में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
अनूप सिंह ने कहा कि बालको श्रमिकों का अनावश्यक स्थानांतरण कर लगातार श्रमिकों में भय व्याप्त करने का प्रयास कर रहा है। यह श्रमिक एवं संगठन तथा प्रबंधन के लिए उचित नहीं है। संतोषी बरेठ ने कहा कि जब तक हम एक साथ एकत्रित होकर श्रमिक विरोधी गतिविधियों का विरोध नहीं करेंगे, प्रबंधन लगातार परेशान करता रहेगा।
संगठन के महासचिव कामरेड सुनील सिंह ने बताया कि हमने प्रबंधन को आपकी जायज मांगों के लिए पत्र प्रेषित किया है, परंतु प्रबंधन इस पर अभी तक चर्चा करने के लिए सहमत नहीं है। मुख्य रूप से बालको में कार्यरत समस्त ठेका श्रमिकों को समान रूप से उत्पादन बोनस, कार्य क्षेत्र विशेष भत्ता तथा श्रमिक विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए 31 जुलाई को एक आम सभा किया जाएगा।
यूनियन के महासचिव सुनील सिंह ने बताया कि प्रोजेक्ट में काम करने वाले श्रमिकों को समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता, श्रमिकों से लगातार 12 घंटे काम कराया जाता है एवं उन्हें 8 घंटे से अतिरिक्त समय का ओवर टाइम भी नहीं दिया जाता। यह भी बताया कि लगातार पूरे महीने 12 घंटे काम करना अमानवीय कृत्य है। इस पर कठोर कार्रवाई किया जाएगा।
संगठन के अध्यक्ष एसके सिंह ने आंदोलन की रूपरेखा कार्यकारिणी एवं पदाधिकारी सदस्यों के समक्ष रखते हुए उनका अनुमोदन प्राप्त किया, जिसमें 29-30 जुलाई को संयंत्र गेट के समक्ष पैंपलेट बांटा जाएगा। 31 तारीख को आम सभा किया जाएगा तथा उसके पश्चात क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा।