November 7, 2024

भारी बारिश ने किया मेगा परियोजनाओं का कामकाज प्रभावित

0 कुसमुंडा खदान प्रवेश द्वार के सामने जलभराव से फंसे कर्मी
0 गेवरा माइंस में ओवर बर्डन के मलबे में दबे वाहन

कोरबा।
गुरुवार की रात हुई तेज बारिश के कारण शहर की अनेक निचली बस्तियों में पानी भर गया। कोयला खदानों में काम प्रभावित हुआ है। सुबह की पाली में एसईसीएल कुसमुंडा खदान काम पर जाने में कर्मचारियों को काफी दिक्कत हुई। खदान की एंट्री सड़क में पानी भर गया है। इधर गेवरा खदान में ओवर बर्डन से मिट्टी पत्थर एक जलजले की तरह निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी के कैंप ऑफिस में बह कर आई जिसमें अनेक डंपर, लोडर दब गए हैं। किसी जनहानि की सूचना नहीं है। याद रहे कुसमुंडा खदान में ऐसे ही आए जलजले में बह कर अधिकारी जितेंद्र नागरकर की मौत हो गई थी।

मूसलाधार बारिश के कारण एसईसीएल के कुसमुंडा परियोजना खदान के प्रवेश द्वार के सामने व्यापक जलभराव हो गया। कुसमुंडा के चारों तरफ की सड़कें पानी से भर चुकी है। लोगों का आवागमन थम चुका है। खदान कर्मी भी हलाकान रहे। कुसमुंडा खदान जाने का भी रास्ता बंद हो गया, जिससे कर्मचारी वर्कशॉप तक नहीं जा पा रहे थे, क्योंकि मेन एंट्री गेट कुसमुंडा खदान जाने के रास्ते में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई। गेवरा खदान में ओवर बर्डन की मिट्टी भारी बारिश से बह गई है, जिससे वाहनों के दब जाने से कामकाज ठप पड़ गया। इससे भारी नुकसान की आशंका है। जिले में बारिश रुकने का नाम हीं नहीं ले रही, जिससे आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। बुधवार की रात से गुरुवार और फिर शुक्रवार को सुबह फिर दोपहर तक बारिश हुई। भारी बारिश के कारण दर्री डैम भी लबालब हो गया, जिसके कारण बांध के गेट खोलकर हसदेव नदी में पानी छोड़ा जा रहा है।
0 नदी नाले लबालब, निचली बस्तियों में घुसा पानी
जिले और आसपास के क्षेत्र में बीते दो-तीन दिन के दौरान अच्छी बारिश हुई, जिसके कारण नदी नाले लबालब हैं। भारी बारिश से निचली बस्तियों में पानी भरने की समस्या आ रही है। कोरबा शहर के करीब मुड़ापार से होते हुए अमरैयापारा में पानी भर गया है। यहां के निचली बस्तियों में सड़क पर दो से तीन फीट तक पानी बह रहा है, जिससे आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालत यह है कि लोगों के घरों में पानी घुस गया है। अमरैयापारा में कुछ समय पहले एक बड़ा नाला बनाया गया था, जिससे निहारिका क्षेत्र का पूरा पानी बहकर शहर से बाहर निकल जाता है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम के लिए यह एक महत्वपूर्ण नाला है, लेकिन अतिक्रमण और अन्य कारणों से इसका निर्माण आधा ही हो सका है। बारिश होने पर नाले के आसपास निचली बस्तियों में पानी भर जाता है, जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है।
0 दादर के कई घरों में घुसा पानी

रविशंकर नगर से दादर जाने वाले मार्ग में बने दरार नाला में पानी 4 फीट ऊपर बहता रहा। नाला के निचले हिस्से में बने कॉलोनी में बाढ़ के हालात बन गए। जल भराव से लोगों ने दहशत में रात गुजारी। बीती रात तेज वर्षा से जहां डॉ. राजेंद्र प्रसाद नगर, पंडित रविशंकर शुक्ला नगर, शिवाजी नगर जैसे बड़े कॉलोनी क्षेत्र में पानी भरा वहीं दूसरी ओर शहर के दादर क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं। रात में हो रही भारी बरसात के बीच लोगों के घरों में बरसात का पानी घुस गया और पूरा क्षेत्र टापू में तब्दील हो गया। लोगों ने अपने-अपने घरों की छत पर रात गुजारी और घरों में कैद होकर रह गए हैं।

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