October 16, 2024

गरबा-डांडिया उत्सव का भव्य समापन: सांस्कृतिक धरोहर और उल्लास का अद्वितीय संगम

कोरबा। पं. रविशंकर शुक्ल नगर में गरबा-डांडिया उत्सव का भव्य समापन हुआ। 9 दिनों तक चले इस आयोजन में सांस्कृतिक धरोहर और उल्लास का अद्वितीय संगम देखा गया। यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि एक ऐसा सांस्कृतिक उत्सव भी साबित हुआ, जिसने सभी आयु वर्ग के लोगों को एक साथ जोड़ दिया। मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पद्माकर शिंदे, थाना कोतवाली प्रभारी एम.बी.पटेल और कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल ने समापन समारोह में शिरकत की।

0 विजेताओं का अद्भुत सम्मान: परफॉर्मेंस ने दर्शकों को मोहित किया
समारोह के अंतिम दिन गरबा और डांडिया की धुनों पर जब प्रतिभागियों ने अपने रंग-बिरंगे परिधानों में मंच संभाला, तो पूरा माहौल उल्लास और जोश से भर उठा। सभी की नजरें प्रतियोगिता के अंतिम परिणाम पर टिकी थीं। आराध्या पी.सी. को प्रथम स्थान पर फ्रिज से सम्मानित किया गया, जबकि आर्यन और अशेलेषा सिंह राजपूत को दूसरा और तृतीय स्थान पर सम्मानित किया गया। साथ ही पूरे नौ दिनों में 20 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार और 70 बच्चों को आकर्षक उपहार दिए गए। इन पुरस्कारों ने न केवल उनकी कड़ी मेहनत को सराहा, बल्कि यह उनके समर्पण और नृत्य कला के प्रति उनके जुनून का प्रतीक भी बने।
मुख्य अतिथि पद्माकर शिंदे ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे आयोजनों से हमारी युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़ी रहती है और यह आयोजन केवल नृत्य का नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का माध्यम है। एम.बी. पटेल ने कहा, “कोरबा जैसे शहर में इतना बड़ा और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होना गर्व की बात है। इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करते हैं।” कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल ने भी आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए इसे सामाजिक सौहार्द का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

0 कोरबा की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक: हर साल नए कीर्तिमान
आयोजन समिति के अध्यक्ष गणेश्वर दुबे ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर वर्ष इस आयोजन को और भी भव्य और विस्तृत बनाना है, ताकि यह न केवल मनोरंजन का माध्यम बने, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का वाहक भी।” तीन वर्षों से चल रहा यह उत्सव अब कोरबा की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है, और आने वाले सालों में इसे और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
यह आयोजन कोरबा के लोगों को न केवल मनोरंजन का अद्भुत अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह समाज में आपसी सहयोग, सौहार्द और एकता को मजबूत करने वाला भी साबित होता है। पूरे 9 दिनों के इस भव्य आयोजन ने कोरबा के सांस्कृतिक इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा, जिसे यहां के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।

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