October 16, 2024

मां मड़वारानी दरबार में पहुंचे 80 हजार श्रद्धालओं ने की नवरात्र की सप्तमी पूजा

सुखदेव केवर्त
मड़वारानी। जिले में आस्था के केंद्र पहाड़ ऊपर मां मड़वारानी के मंदिर में नवरात्रि पर श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ देखी जा रही है। रविवार को नवरात्रि की सप्तमी मनाई गई । मां मड़वारानी मंदिर में नवदुर्गा का सातवें रूप में माँ महाकाली माता की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की रेलमपेल भीड़ देखी गई। मां मड़वारानी में दर्शनार्थियों से पूरा सड़क जाम हो गया था, जिससे आवागमन में काफी परेशानी हुई। जाम हटाने में पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ा। घंटों मशक्कत के बाद पुलिस को जाम हटाने में सफलता मिली, तब जा कर सड़क पर वाहनों की आवाजाही सुगम हो सकी ।
मां मड़वारानी दरबार से 10 किलोमीटर के दायरे में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। यहां पहुंचने वाले लोग पहले पहाड़ से नीचे स्थित मां मड़वारानी की पूजा-अर्चना कर वहां से पांच किलोमीटर पहाड़ ऊपर स्थित मां मड़वारानी मंदिर पैदल पहुंचकर लोगों ने दर्शन पूजन किया। रविवार को यहां देवी दरबार में नवरात्रि की सप्तमी मनाई गई। सुबह से शाम तक यहां करीब 80 हजार से अधिक लोग मत्था टेकने पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की यह भीड़ अष्टमी को और भी बढ़ जाएगी। अंचल में मड़वारानी माता की महिमा सदियों से बनी है। यहां कोरबा ही नहीं जांजगीर-चांपा सहित अन्य जिले से भी श्रद्धालु नवरात्र में पूजन करने पहुंचते हैं। सदियों से नवरात्र मनाने की अलग से चली आ रही परंपरा अभी भी कायम है। जिसके कारण यहां शारदीय नवरात्र के नवमी को पंचमी की पूजा की होती है।

कोरबा सहित आस पास से पूजा – अर्चना करने पहुंचते हैं श्रद्धालु
रविवार को यहां सप्तमी होने के कारण दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दरबार में मत्था टेकने पहुंचे थे। पूरे दिन श्रद्धालुओं की पहुंच के कारण मड़वारानी मंदिर के दोनों तरफ मुख्य सड़क पर वाहनों की भीड़ लगी रही। जिससे आवागमन में काफी परेशानी हुई।


मां मड़वारानी के दरबार में दर्शन के साथ प्रसाद वितरण
मां मड़वारानी के दरबार में एक ओर लोग जहां देवी दर्शन करने पहुंचते हैं वहीं दूसरी ओर परंपरा निभाने भी। देवी की कृपा से जिस किसी परिवार की मन्नत पूरी होती है उनमें से अधिकांश लोग प्रसाद चढ़ाते हैं। और भोग भंडारा सहित प्रसाद का वितरण करते है। कुछ लोगो द्वारा मां के दरबार के आसपास कई समूह में खाना पकाते नजर आते हैं। जहां परिवारों के नाते रिश्तेदार सपरिवार पहुंचते हैं।प्रत्येक समूह में कम से कम 40 से 50 लोग एक साथ भोजन करते है

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