हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें पालक और निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस का करें भुगतान: संयुक्त बैठक का निर्णय
कोरबा 16 सितम्बर। निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस लिये जाने के मुद्दे पर मंगलवार 15 सितम्बर को पालक संघ और स्कूल प्रबन्धनों के बीच मध्यस्थता स्थापित करने के उद्देश्य से कलेक्टोरेट सभा कक्ष में बैठक हुई, जिसमें अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी संजय अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पाण्डेय तथा निजी स्कूलो के पदाधिकारी , पालक संघ, सी बी एस ई स्कूल प्रबंधन मौजूद रहे। बैठक के दौरान पालक संघ द्वारा पालकों की समस्याओं को रखा गया तथा इस कोरोना काल में बच्चों की स्कूल की फीस ना भर पाने की समस्या बतायी गयी। निजी स्कूल संघ कोरबा के अध्यक्ष ने अपनी समस्या बताते हुये कहा कि विद्याार्थियों द्वारा स्कूल फीस ना देने के कारण निजी संस्थानो में नियुक्त शिक्षकों का वेतन नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षकों की तथा उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। निजी स्कूलों की स्थिति बहुत ज्यादा दयनीय हो गयी है जिसकी वजह से कई स्कूल कर्ज लेकर शिक्षकों का वेतन दे रहे हैं या शिक्षकों को काम से निकाल रहे हैं ।स्कूल संस्थान प्रमुखों ने बताया कि आवश्यकतानुसार विशेष परिस्थिति वाले एवं गरीब छात्रों का ट्यूशन फीस आवेदन देने पर कम किया जा रहा है।
एडीएम अग्रवाल ने दोनो पक्षों की बात सुनते हुये पालक तथा स्कूल संस्थान को समन्वय बनाकर ट्यूशन फीस चुकाने की बात कही। उन्होंने पालकों से कहा कि यदि अपने बच्चों का फीस नही दोगे तो बच्चो का भविष्य खराब होगा। क्योंकि जो टीचर बच्चो को समझ के पढ़ा रहा है, दूसरे टीचर को समझने में काफी समय लग सकता है। इसलिए स्कूल और टीचर मत बदलो। गुरु का सम्मान करना सिखोऔर फीस पटाओ। उन्होने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार स्कूलों की ट्यूशन फीस से संबंधित दिशा-निर्देश का पालन करना दोनो पक्षों को जरूरी है। एडीएम ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार केवल ट्यूशन फीस लिया जा सकता है। न्यायालय के आदेशानुसार पालको को ट्यूशन फीस स्कूलों में चुकाना चाहिये। एडीएम ने कहा कि जो छात्र गरीब परिवार से हैं तथा फीस नहीं दे सकते उनके लिये स्कूल संस्थान को रियायत देने पर विचार करने की जरूरत है। जिन छात्रों के पालक सरकारी नौकरीपेशा हैं या जो फीस चुकाने में समर्थ हैं उनको ट्यूशन फीस स्कूल संस्थानो को देना चाहिये।