आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से श्वसन बीमारियों में मिल रहे अच्छे परिणामः शर्मा
कोरबा 22 जनवरी। समय के साथ लोगों का भरोसा आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की तरफ और मजबूत होता जा रहा है। इसके पीछे अपने सिद्धांत हैं और परिणाम भी। औद्योगिक प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों से लोग परेशान हो रहे हैं । ऐसे में आयुर्वेद को अपनाने के साथ लोगों को बीमारी से छुटकारा मिल रहा है। योग और आयुर्वेद को देश के साथ-साथ विदेशों में पहुंचाने के लिए योग गुरु स्वामी रामदेव ने अपनी विशेष भूमिका निभाई है। उनके द्वारा संचालित किए जा रहे पतंजलि चिकित्सालय लोगों को लगातार आरोग्य के मामले में सहूलियत और परिणाम दे रहे हैं।
कोरबा के निहारिका क्षेत्र अंतर्गत महानदी व्यवसायिक परिसर में पतंजलि चिकित्सालय का संचालन पिछले वर्षों से जारी है यहां पर लोगों को निशुल्क परामर्श देने की सुविधा उपलब्ध है। कोरबा निवासी दारा सिंह कुलदीप सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। कई तरह के उपचार के बाद उन्होंने आयुर्वेद का सहारा लिया और अब वे बेहतर स्थिति में है। एक और मौके पर उन्हें समस्या हुई थी तब भी उन्होंने आयुर्वेद का सहारा लिया था। पतंजलि चिकित्सालय के संचालक डॉ नागेंद्र नारायण शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार शरीर के दोषों को निकालने और इसके बाद चिकित्सा करने का विधान है। हर मामले में इसी पद्धति को अपनाया जाता है। ईश्वर की अनुकंपा और आयुर्वेद के चमत्कार से मरीज जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। सर्वविदित है कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से पहले देश में लोगों के बीमार पड़ने पर आयुर्वेद का ही सहारा लिया जाता था और लोग इसी के जरिए निरोग हो जाते थे। एक बार फिर से आयुर्वेद की प्रतिष्ठा हो रही है और लोग इसकी जड़ों के साथ अपने आपको जोड़ रहे हैं।