October 5, 2024

पंजा छाप हुए त्यागी, कहां से लड़ेंगे चुनाव?

न्यूज एक्शन। कोरबा जिले के पूर्व कलेक्टर आरपीएस त्यागी ने आज रायपुर में वरिष्ठ नेताओं के सामने कांग्रेस का दामन थाम लिया। पूर्व कलेक्टर के पंजा छाप होते ही नए राजनीतिक समीकरण बन गए हैं। श्री त्यागी कोरबा जिले के अलावा जांजगीर-चांपा और धमतरी जिले के कलेक्टर रह चुके हैं। उनके कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे की सरगर्म चर्चा जिले में बनी हुई है, लेकिन कोरबा के अलावा धमतरी और जांजगीर-चांपा से भी श्री त्यागी चुनाव लड़ सकते हैं। चूंकि कोरबा की तरह ही जांजगीर और धमतरी भी सामान्य सीट वाला क्षेत्र है। अगर तीन जिलों में कहीं भी श्री त्यागी चुनाव लड़ते हैं तो वे पार्टी को जीत दिलाने का दमखम रखते हैं। कलेक्टर रहते हुए इन तीनों जिलों की जनता से श्री त्यागी का सीधे जुड़ाव रहा है। इन जिलों की समस्याओं से वे भलीभांति वाकिफ होने के साथ प्रशासनिक तंत्र के स्तर से समस्याओं को समझने के साथ उनके निराकरण की दिशा में उठाए जाने वाले कदम की जानकारी भी उन्हें है। उनके इस अनुभव का लाभ क्षेत्र की जनता को मिलेगा। ऐसे में इन जिलों में श्री त्यागी को भरपूर जनसमर्थन मिलने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि त्यागी सेवा निवृत्ति के बाद से ही राजनीति के मैदान में अपना ठिकाना तलाश रहे थे। राजनीति पारी खेलेंगे यह तो तय था लेकिन किस पार्टी से खेलेंगे यह तय नहीं था, लेकिन अब इस रहस्य से भी पर्दा उठ गया है।
पैराशूट प्रत्याशी नहीं चलेगा
कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस जनों और क्षेत्र के लेागों में एक बात को लेकर सहमति है कि किसी भी पार्टी द्वारा बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाता है तो उसका साथ नहीं दिया जाएगा। वैसे भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व में ही घोषणा कर चुके है कि पैराशूट प्रत्याशी कांग्रेस में नहीं चलेगा। कटघोरा के रहवासियों का कहना है कि कटघोरा विधानसभा क्षेत्र का निवासी ही प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए क्योंकि वह क्षेत्र की समस्याओं से वाकिफ है और क्षेत्र की जनता भी उसे जानती है। इसी तरह की बात स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच भी चल रही है। बाहरी प्रत्याशी होने की स्थिति में पार्टी को स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार बनना पड़ सकता है। वैसी भी कटघोरा की जनता व समर्थक कांग्रेस के बड़े नेता को पूजनीय मानते है। अगर कटघोरा में बाहरी प्रत्याशी थोपा जाता है तो उनके साथ भी विश्वासघात होना कहा जा रहा है।

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