November 7, 2024

भाजपा के राज में नहीं भाजपाईयों की सुनवाई, आयुक्त पड़ रहे भारी

न्यूज एक्शन। नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र की बदहाली के जिम्मेदार महापौर और निगम आयुक्त है। राज्य सरकार ने छ: माह पहले ही नगर निगम कोरबा को 50 करोड़ का फंड दिया है। इसके बाद भी जनोपयोगी विकास कार्यो को संपादित नहीं किया जा रहा है। यह आरोप सांसद डॉ. बंशीलाल महतो ने प्रेस वार्ता में लगाया है। इस आरोप के बाद भाजपा नेताओं के जिले में मजबूत आधार पर सवालिया निशान लग गया है। चूंकि महापौर को आम जनता ने चुनकर साकेत भेजा है, परंतु नगर निगम आयुक्त प्रशासनिक अधिकारी हैं और केन्द्र व राज्य में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद राज्य शासन के विकास फार्मूले से परे हटकर आयुक्त द्वारा काम करने के बाद भी उन्हें हटाया नहीं जाना शासन व भाजपा नेताओं की कमजोरी को उजागर कर रहा है। प्रेस वार्ता में डॉ. महतो के इस आरोप के बाद पत्रकारों ने केन्द्र व राज्य में उनकी पार्टी की सरकार होने के बाद भी आयुक्त पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया। जिसे डॉ. महतो टालते नजर आए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए नियम प्रक्रिया है साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि महापौर द्वारा बिना आयुक्त की जानकारी के कई शिलान्यास कर दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि भाजपा के नेता आयुक्त पर सीधा जुबानी हमला बोल रहे है इसके बावजूद अंगद के पांव की तरह आयुक्त अपने पद पर जमे हुए है। अगर किसी प्रशासनिक अधिकारी के कारण सत्ता दल के छवि को नुकसान होता है तो फिर जिले के नेताओं का यह दायित्व है कि वे शासन को इससे अवगत करा संंबंधित अधिकारी को हटाए। परंतु कोरबा जिला में सांसद ही नहीं अन्य भाजपा नेताओं का कद आयुक्त के सामने बौना ही नजर आ रहा है। सांसद डॉ. बंशीलाल महतो ने मीडिया के सामने आयुक्त के खिलाफ जो बयान बाजी की है। उसका साईड इफेक्ट उन्हीं की पार्टी और नेताओं पर पड़ता नजर आ रहा है।प्रेस वार्ता में सांसद के अलावा पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल, संसदीय सचिव लखन लाल देवांगन एवं भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी मौजूद थे। सांसद के उक्त बयान पर इन नेताओं की मूक सहमति भी नजर आई। साफ है कि जिला भाजपा के नेताओं पर आयुक्त भारी पड़ गए है। अब जब चुनाव आचार संहिता लागू होने को है तो आयुक्त की कुर्सी भाजपाईयों द्वारा हिलती भी नजर नहीं आ रही है।

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