November 21, 2024

नवा छत्तीसगढ़: पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ों का घोटाला पकड़ा गया

रायपुर 7 दिसम्बर। पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा छपाई में की गई गड़बड़ी की शिकायत पर हुई जांच में जांच समिति ने जहां पापुनि के अधिकारी को इसमें दोषी पाया है, वहीं कुछ प्रिंटर भी दोषी पाए गए हैं। अब इस मामले में शिकायत करने वाले कांग्रेसी नेता विनोद तिवारी ने जांच रिपोर्ट शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला को सौंपकर दोषियों पर तत्काल एफआईआर कराने की मांग की है।

श्री तिवारी ने बताया, प्रगति टेक्नो एवं रामराजा प्रिंटर्स के संचालक विकास कपूर एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी एवं अन्य के साथ मिलकर षडयंत्रपूर्वक पंजीयन कर करोड़ों के ठेके इन दागी फर्मों को भाजपा शासनकाल में देकर शासन को क्षति पहुंचाई गई। श्री तिवारी ने बताया, इस मामले की शिकायत हमने पापुनि में 2016 में की थी।

17 बिंदुओं की सप्रमाण शिकायत को तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी द्वारा दागी फर्म के संचालक विकास कपूर एवं अन्य के साथ लेनदेन सांठगांठ कर अपने रिश्तेदार अंकित तिवारी भानुप्रतापपुर को दागी फर्म प्रगति में विधिवत पार्टनर बना सप्रमाण शिकायत को नोटशीट में झूठा लेख कर नस्तीबद्ध कर दिया था। इस जांच की पूरी नस्ती को आर टी आई से निकालने पर तत्कालीन महाप्रबंधक श्री चतुर्वेदी द्वारा झूठा लेख का काला कारनामा करने का नया खेल सामने आया।

12 करोड़ की गड़बड़ी

श्री तिवारी के मुताबिक तात्कालिक महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी द्वारा भ्रष्टाचार कर टेक्नो प्रगति रामराजा के संचालकों के साथ मिलकर इन दागी फर्मों को 12 करोड़ की 8000 मीट्रिक टन छपाई का कार्य दिया गया है, जबकि इन फर्जी फर्मों के खिलाफ सप्रमाण शिकायत की गई थी। इन दागी फर्मों को जितना कार्य दिया गया, कुछ जगहों पर वह कार्य भी पूरा न करते हुए सांठगांठ कर सिर्फ बिल लगाकर राशि आहरित कर ली गई। इसकी भी जांच होनी चाहिए।

जांच समिति ने पाया दोषी

श्री तिवारी ने बताया, हमने 5 माह पूर्व उपरोक्त घटनाक्रम से अवगत कराते हुए पुनः प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक शुक्ला को सप्रमाण 17 बिंदुओं की शिकायत की। उनके आदेश पर हुई जांच रिपोर्ट में जांच समिति ने तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी एवं प्रगति टेक्नो रामराजा के संचालक विकास कपूर एवं अन्य को गंभीर अपराध का दोषी पाया है। जांच समिति ने एक माह पूर्व ही जांच रिपोर्ट प्रबंध संचालक को सौंप दी है।

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