November 7, 2024

जोगी की बनाई नीतियों पर कार्य कर रही भाजपा सरकार, अधूरे सपनों को जकांछ से पूरा करने की तमन्ना

न्यूज एक्शन। अजीत प्रमोद कुमार जोगी यानि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक जाना पहचाना नाम है। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने से पहले वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में रह चुके है। कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. अर्जुन सिंह के करीबी माने जाने वाले अजीत जोगी जब पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के संपर्क में आए तो उसके बाद से जोगी का राजनीतिक सफर शुरू हुआ था। धीरे-धीरे कांग्रेस में जोगी का कद इतना बढ़ गया कि मध्यप्रदेश के बटंवारे के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ का पहला मुख्यमंत्री तक बना दिया गया। अब वहीं जोगी अपनी अलग पार्टी बनाकर कांग्रेस और भाजपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है । इसके पीछे जोगी का कहना है कि 2000 में जो उन्होंने सपना देखा था वह सपना अभी अधूरा है। इस अधूरे सपने को पूरा कर छत्तीसगढ़वासियों को खुशहाल बनाने वे जन दरबार में अपनी पार्टी के साथ आ चुके है।
अजीत जोगी कहते रहे हैं कि 15 साल से छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार उनके द्वारा बनाई नीतियों पर ही कार्य कर रही है, लेकिन उनकी योजनाओं को पूरी तरह से अभी तक लागू नहीं किया गया है। कोई नई योजना डेढ़ दशक में प्रदेश की भाजपा सरकार ने नहीं बनाई है। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक सपना देखा था और इस सपने को मूर्त रूप देने के लिए सबसे पहले शिक्षा पर ध्यान दिया और प्राथमिक शिक्षा से ही बच्चों को अंग्रेजी की शिक्षा अनिवार्य की गई इसका फल भी सामने आ रहा है। राज्य के बुनियादी सुविधाओं में पानी , सड़क , बिजली जैसी मुख्य समस्या को दूर करने के लिए जहां शहरों में जलआवर्धन योजना , बिजली के लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, ताप विद्युत संयंत्र कोरबा की आधारसिला रखी। सड़कों की हालत सुधारने के लिए बीओटी का उपयोग किया गया । जिससे सड़कों की हालत खराब नहीं होती थी। आज सड़कों की हालत बद से बद्तर है। नया रायपुर जो आज बनकर तैयार हो रहा है उसका खाका भी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी रहे अपने कार्यकाल में तैयार कर दिया था। अफसरी छोड़कर राजनीति में आए अजीत जोगी छत्तीसगढ़ की समस्या से पूरी तरह वाकिफ है। आज वे सत्ता में होते तो छत्तीसगढ़ देश के नक्शे में एक विकसित राज्य के रूप में स्थान बना चुका होता। सफेद हाथी बन चुके और मध्यप्रदेश से विरासत में मिले राज्य परिवहन निगम को उन्होंने बंद कर दिया था लेकिन अब दूसरा सफेद हाथी सिटी बस के रूप में संचालित हो रहा है। जिसमें ठेकेदार द्वारा खराब होने वाली बसों को स्टैण्ड में खड़ा कर दिया जा रहा है। रखरखाव नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर इसमें भी शासन को चूना लगना तय है।

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