अन्य प्रान्त से छत्तीसगढ़ में आये जातियों को राज्य की सूची में शामिल करने पर हो रहा विचार: श्री थानेश्वर साहू, अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग
कोरबा 15 जनवरी। छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री थानेश्वर साहू ने आज बताया कि अन्य प्रांतों से आकर छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे पिछड़ा वर्ग के निवासियों को छत्तीसगढ़ में सूचीबद्ध करने पर विचार किया जा रहा है।
यह बात उन्होंने यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग की 95 जातियां सूची बद्ध है, जिन्हें आरक्षण का लाभ मिलता है। अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग के लोग छत्तीसगढ़ आकर यहां स्थाई रूप से निवासरत हैं। उनका नाम प्रदेश की पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल नहीं है। उन्हें छत्तीसगढ़ में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि ऐसी लगभग 15 से अधिक जातियों ने अपना नाम राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के लिए आवेदन दिया है। उनके आवेदन पर जांच की प्रक्रिया की जा रही है। छानबीन के बाद तथ्यों के आधार पर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार लेगी।
उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग के लोगों का आय प्रमाण पत्र बनाने को लेकर भ्रम की स्थिति देखने में आई है। अधिकारियों में जानकारी का अभाव है।क्रीमीलेयर 8 लाख की वार्षिक आय पर है। कृषि की आय, तृतीय और द्वितीय वर्ग कर्मियों की आय नही जोड़ने का नियम है और 40 वर्ष से अधिक उम्र में आफिसर प्रमोट होने पर छूट की सुविधा है। इस सम्बंध में केंद्र और राज्य सरकार की नियमावली से अधिकारियों को अवगत कराया गया। इससे आय प्रमाण पत्र बनाने में सुविधा होगी। उन्हीने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछड़ा वर्ग के लोगों को शासन की अधिकांश योजनाओं की जानकारी नहीं है।आयोग सभी योजनाओं का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करेगा और अधिक से अधिक लोगों को उनका लाभ दिलाने का प्रयास करेगा। श्री साहू ने कहा कि बैंक से ऋण लेने में होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए विभाग और बैंक की समिति बनाई जाएगी। ऋण की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद हितग्राही का दस्तावेज बैंक को भेजा जाएगा, जिससे हितग्राही को योजना का सुनिश्चित लाभ मिलेगा।
उन्होंने प्रदेश में एक विशेष समूह में सिकलसेल एनीमिया की बढ़ती बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि आयोग ने सिकलसेल की जांच अनिवार्य करने की पहल की है। उन्होंने बताया कि मेकाहारा रायपुर में इस बीमारी का निशुल्क उपचार होता है। इसके लिए पृथक विभाग बना हुआ है। श्री साहू ने बताया कि इस समय वे प्रदेश का भ्रमण कर कार्यविधि की समीक्षा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में आवश्यकता के अनुसार नई योजनाएं बनाई जाएंगी। पत्रकार वार्ता में नगर निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, पूर्व सभापति एवं एम आई सी मब सन्तोष राठौर भी उपस्थित रहे।