December 25, 2024

वेतन नहीं मिलने समेत अन्य मुद्दों को लेकर रैली

कोरबा 23 फरवरी। गेवरा में नियोजित सद्भाव ठेका कंपनी के मजदूरों ने दो माह से वेतन नहीं मिलने समेत अन्य मुद्दों को लेकर रैली निकाली। प्रोजेक्ट कार्यालय पहुंच विरोध प्रदर्शन करने के उपरांत ज्ञापन सौंप कर कहा कि सात दिवस के भीतर समस्या का निदान नहीं किया गयाए तो दो मार्च से खदान बंद कराई जाएगी।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड, एसईसीएलद गेवरा में मिट्टी उत्खनन कार्य में नियोजित ठेका कंपनी सद्भाव के अधीन कार्यरत चालक समेत अन्य 400 मजदूर को दिसंबर व जनवरी माह का वेतन भुगतान नहीं किया गया। मिट्टी उत्खनन कार्य में लगी कंपनी ने कई मजदूरों के इपीएफ का केवाइसी भी नहीं करायाए इससे मजदूरों के समक्ष जीवकोपार्जन की समस्या उत्पन्ना हो गई है। कोयला श्रमिक सभा सीटू ने इन मजदूरों की समस्या प्रमुखता से उठाते हुए प्रबंधन को 10 दिन पहले ज्ञापन दिया थाए लेकिन प्रबंधन ने मजदूरों की समस्या पर कोई पहल नही की। इससे आक्रोशित मजदूरों ने सोमवार को गेवरा सीटू कार्यालय से जनाराम कर्ष और विमल सिंह की अगुवाई में रैली निकाली। प्रोजेक्ट कार्यालय के पास पहुंचने पर जदूरों को सीआईएसएफ ने प्रोजेक्ट अफिस के बेरियर के पास रोक दियाए तब मजदूर वहीं नारेबाजी करने लगे। बाद में एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट के उप महाप्रबंधक कार्मिक एस परिडा व श्रीकांत मालेपाका प्रदर्शन कर रहे मजदूरों के पास पहुंचे और ज्ञापन लिया। प्रबंधन ने मजदूरों का लंबित भुगतान जल्द कराने के साथ ईपीएफ का केवाइसी कराने का आश्वासन दिया।

सीटू के क्षेत्रीय सचिव जनाराम कर्ष ने एसईसीएल प्रबंधन से कहा कि एसईसीएल गेवरा क्षेत्र अंतर्गत सदभाव कंपनी लिमिटेड में ड्राइवरों सहित 400 मजदूर को दिसंबर माह से अभी तक वेतन नहीं मिला है जिससे मजदूरों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है परिवार के पालन पोषण में काफी दित आ रही है इससे मजदूरों में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि लगभग दो सौ मजदूरों का इपीएफ का केवाइसी नहीं होने की वजह से ईपीएफ अंशदान नहीं हो पा रहा है। इसके कारण मजदूरों के पैसे जमा होने का कोई हिसाब ही नही है। सीटू नेता ने कहा की सात दिवस के अंदर मजदूरों की समस्या का समाधान नहीं होने पर दो मार्च से अनिश्चित कालीन खदान बंद कराई जाएगी। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से जनाराम कर्ष, विमल सिंह, एस सामंता, एस आर खरे, बसंत दुबे, संतोष मिश्रा, टीसी सूरज के साथ बड़ी संख्या में ठेका मजदूर उपस्थित रहे।

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