September 20, 2024

नोटबंदी, जीएसटी कहीं न बन जाए जीत में रोड़ा!

न्यूज एक्शन। लोकसभा चुनाव 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ जीत हासिल कर सरकार बनाई। पांच साल का कार्यकाल अब समाप्ति की ओर है। आगामी पंचवर्षीय कार्यकाल के लिए देशभर में लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित कर दी गई है। तत्काल प्रभाव से आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। इस बार किस दल की सरकार बनेगी इसे लेकर कयासों का दौर चल रहा है। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार मोदी लहर में कमी की बात विरोधी कह रहे हैंं। वहीं इस बार फिर मोदी सरकार का सपना देखने वाले समर्थक भी जीत का दावा कर रहे हैं। आगामी 23 मई को चुनावी परिणाम घोषित होने के साथ ही इसका जवाब भी जनता को मिल जाएगा। क्या इस बार मोदी लहर वाकई में मंद पड़ी है? या एक बार फिर दिल्ली में मोदी की नेतृत्व वाली सरकार बनने जा रही है। यह विचार मंथन का विषय है। विरोधियों की बात में दम भी नजर आता है कि इस बार चुनावी मोर्चे में वर्ष 2014 की तरह भाजपा का जोश नजर नहीं आ रहा है। जिस तरह से मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी के दो बड़े फैसले लिए हैं उसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। एक बड़ा व्यवसायी वर्ग चिन्हांकित लोगों को इससे लाभ होने की बात कहते रहे हैं। नोटबंदी के कारण लोगों को जो परेशानियां हुई थी उसके मुकाबले क्या फायदा हुआ? इस मोर्चे पर भी विरोधी मोदी सरकार को घेरते रहे हैं। ऐसे में कहा तो यह जा रहा है कि नोटबंदी और जीएसटी के फैसले से भाजपा के वोट बैंक में कमी आ सकती है। परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन नोटबंदी और जीएसटी को जरूर कांग्रेस मुद्दा बनाएगी। रही सही कसर राफेल डील में निकालने की जुगत है। चौतरफा वार से घिरी मोदी सरकार इस बार क्या पुन: अपना जीत का रिकॉर्ड दोहरा सकती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी।

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