नियम विरूद्ध पारित कराना चाहते थे प्रस्ताव, विपक्ष ने आपत्ति के साथ किया बहिष्कार
कोरबा 19 मार्च। नगर पालिका परिषद दीपका में बजट को लेकर बुलाई गई साधारण सभा की बैठक पूरी नहीं हो सकी और बीच में ही रद्द हो गई। बैठक में कई प्रस्तावों को लेकर गतिरोध बना हुआ था। इस पर विपक्ष ने वोटिंग की मांग की। इसे ठुकराने के साथ सत्तापक्ष ने बैठक ही रद्द कर दी। इस मसले को लेकर नगर पालिका कार्यालय के बाहर विपक्ष धरने पर बैठ गया और हंगामा किया।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब नगर पालिका में ऐसे हालात निर्मित हुए। पहले भी कुछ मुद्दों को लेकर विपक्ष का रूख आक्रामक रहा। उसने सत्तासीन दल की मनमानी नहीं चलने दी और अनेक प्रस्तावों का पुरजोर विरोध किया। इन कारणों से समीकरण जमकर बिगड़े। हालात को पूरी तरह सामान्य किया जाता, इससे पहले नगर पालिका में बजट के संबंध में बैठक आयोजित की गई। आज निर्धारित समय पर बैठक शुरू हुई। इसमें अधिकारी भी शामिल हुए। जानकारी के अनुसार बजट से जुड़ी इस बैठक में विपक्ष ने बहुमत जुटा लिया था। उसकी मंशा थी कि किसी भी स्थिति में प्रस्तावों की जानकारी दिए बिना उन्हें पारित कराने नहीं दिया जाएगा। इसे लेकर विचार मंथन पहले ही हो चुका था। बैठक शुरू होने के बाद सामान्य औपचारिकता पूरी की गई। प्रस्ताव के बिंदु पढ़ने के साथ इन पर चर्चा किये बिना जबरिया पूरा कराने की कोशिश की गई। इस पर हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के पार्षदों ने मांग रखी कि अगर बजट से जुड़े प्रस्ताव के बिंदु इतने ही व्यवहारिक हैं तो इस बारे में वोटिंग करा ली जाए। अगर इस प्रक्रिया में प्रस्ताव के पक्ष में ज्यादा वोट पड़ते हैं तो उन्हें पारित करने में कोई दिक्कत नहीं है। यहां से बात बिगड़ गई। इधर नाराज विपक्षी पार्षदों ने सभा का बहिष्कार करने के साथ खुद को यहां से अलग कर लिया और नगर पालिका कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। वहीं स्थिति को अनुकूल नहीं पाते हुए सत्तापक्ष ने बैठक रद्द कर दी। भाजपा खेमे से वरिष्ठ पार्षद अरूणीश तिवारी ने कहा कि नगर पालिका में किसी भी कीमत पर मनमानी को हावी नहीं होने दिया जाएगा। जिस तरह से आज बैठक में स्थिति बनी, उसका हमने पुरजोर विरोध किया। आगे भी हिसाब से ही काम कराए जाने के लिए दबाव बनाया जाएगा।
नगर पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान ने प्रेसिडेंट इन काउंसिल को एक पखवाड़ा पहले भंग कर दिया था। 14 महीने पहले इसे गठित किया गया था और इसमें कुछ पार्षद शामिल किए गए थे। कहा जा रहा था कि अनुकूल सहयोग नहीं मिलने की वजह से यह कार्यवाही करनी पड़ी। नई पीआईसी कब गठित होगी और इसमें कौन से चेहरे शामिल होंगे, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।