कोरोना परीक्षण केन्द्र में ही टूट रहे सोशल डिस्टेंस का नियम
कोरबा 8 अप्रैल। जिले में पिछले एक सप्ताह से कोरोना संक्रमितों की संख्या सैकड़ों में आ रही है। अब की स्थिति में यह आंकड़ा हजार से पार हो चुका है और इसके और आगे जाने की संभावना है। इस स्थिति में जिला अस्पताल परिसर में संचालित किये जा रहे कोविड परीक्षण केंद्र के आसपास ही सोशल डिस्टेंस और दूसरे नियम यूं ही टूट रहे हैं। कहा जा रहा है कि संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।
एक तरफ प्रशासन की टीमें शहर से लेकर गांव तक मुनादी कर रही है कि लोग अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। दुकानों और अन्य स्थानों में सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करें। इसके अलावा बचाव करने के लिए सेनेटाइजर का उपयोग बार-बार किया जाए। वहीं सामान्य लक्षण दिखने पर कोरोना जांच केंद्र में लोगों का परीक्षण करने की व्यवस्था पिछले वर्ष से की गई है। यह केंद्र अभी भी जारी है और यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों का परीक्षण किया जा रहा है। लोगों को उपदेश देने की कड़ी में गंभीर लापरवाही इसी परिसर में देखने को मिल रही है। परीक्षण कराने के लिए लगने वाली भीड़ के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखने जैसी कोई व्यवस्था ना तो की गई है और ना ही इसके लिए कवायद की जा रही है। अगल-बगल में लोग यहां पर खड़े हो रहे हैं। इसके साथ ही मौके पर ही सार्वजनिक की जाने वाली रिपोर्ट के साथ आशंका और बढ़ रही है कि संपर्क में आने वाले लोग और कितनों को अपनी चपेट में लेंगे। लोग बताते हैं कि जिस स्थान पर कोरोना परीक्षण केंद्र बनाया गया है, उसके आसपास ना तो छाया की व्यवस्था है और ना ही बैठने की। ऐसे में गर्मी के सीजन में मजबूरीवश लाइन लग रही है और लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े हो रहे हैं। ऐसे में नियम पालन कैसे हो, यह स्वास्थ्य विभाग को तय करने की जरूरत है।
सीएसईबी की दर्री स्थित एचटीपीपी कालोनी में सी-टाइप के कुछ हिस्से को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। यहां काफी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। प्रशासन ने सीएसईबी की देखरेख में संबंधित क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाते हुए प्रभावित ब्लॉक को सामने से घेर दिया है। जबकि सीएसईबी में सभी ब्लॉक के आवासों के प्रवेश द्वार के लिए पीछे से भी व्यवस्था है। जानकारी में घेराबंदी के बावजूद पिछले हिस्से से बाहरी लोगों की आवाजाही यहां हो रही है। इनमें दूध वाले और सब्जी बेचने वाला वर्ग शामिल है। इन कारणों से महामारी का संक्रमण और फैलने की आशंका बनी हुई है। सीएसईबी और प्रशासन ने इस दिशा में अब तक ध्यान नहीं दिया है और ना ही कोई कदम उठाए हैं।
कोरोना महामारी के लिहाज से सुरक्षा के तौर पर कई कदम उठाए जाने जरूरी समझे जा रहे हैं। इसकी आवश्यकता पर भी लगातार जोर दिया जा रहा है। लेकिन अब तक कई मामलों में ना तो विचार किया गया और ना ही अपेक्षित व्यवस्था करने की योजना बनाई गई। बिजली बिल भुगतान के लिए सीएसईबी ने एटीपी की व्यवस्था कर रखी है। यहां प्रतिदिन काफी संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं। शेड के अभाव में लोगों की लाइन यूं ही लगती है। भीतर राशि कलेक्शन करने वाला कर्मी भिन्न-भिन्न लोगों के सीधे संपर्क में आता है। इसी तरह सीएसईबी और नगर निगम के जोन कार्यालय में भी विभिन्न शिकायतों को लेकर पहुंचने वालों की संख्या ज्यादा होती है। यहां भी स्थिति कमोबेश यथावत होती है। कुल मिलाकर ये हालात खतरे की घंटी वाले हैं। अब तक इसका समाधान निकालने के लिए कारगर योजना नहीं बन सकी है।