सरकारी संजीवनी बेहाल, अब गांव का एंबुलेंस पहुंचाएगा अस्पताल
कोरबा 10 मई। संजीवनी 108 हो या महतारी एक्सप्रेसए बेहाल पड़ सरकारी एंबुलेंस सेवाएं पहले ही वेंटिलेटर पर हैं, जिनका इंतजार करते मरीजों के दम तोड़ने के मामले आए दिन सामने आते हैं। खासकर कोरोना के संकटकाल में एंबुलेंस सेवा की जरूरत काफी अहम है। ऐसे में गांव का कोई परिवार सरकारी एंबुलेंस की राह देखते परेशान होने विवश न होए इसका हल निकालते हुए ग्राम पंचायत नुनेरा के सरपंच ने अनुकरणीय पहल की है। उन्होंने नुनेरा के ग्रामीणों ने लिए गांव में ही आपातकालीन एंबुलेंस की सुविधा शुरू की है, ताकि समय पड़ने पर मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा सके और समय रहते उसकी जान बचाने की कवायद की जा सके।
यह अनुकरणीय पहल नुनेरा के युवा सरपंच मुकेश श्रोते की है, जिन्होंने अपने गांव के लोगों की समस्या को अपनी जिम्मेदारी मानकर समय पूर्व ही सुविधा का प्रबंध कर लिया है। जरूरत पड़ी तो यहां के लोगों को अब सरकारी सुविधाओं की बदहाल दशा का खामियाजा भुगतने मजबूर नहीं होना होगा। बताया जा रहा है कि समीप के ग्राम बांधाखार में मारुति पावर प्लांट स्थापित है, जिससे ग्रामीणों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसलिए किसी भी मरीज को आक्सीजन या एंबुलेंस के लिए दिक्कत ना हो और प्राथमिक रूप से पाली अस्पताल पहुंचा कर शीघ्र स्वास्थ लाभ मिल सके। युवा सरपंच मुकेश के इस प्रयास का सभी लोग सराहना कर रहे हैं। मुकेश ने अन्य तरह की भी कोई दिक्कत होने पर गांव के लोगों को पंचायत के प्रतिनिधियों से तत्काल संपर्क करने का आग्रह किया है, ताकि ग्रामीणों तक हर संभव मदद पहुंच सके। उन्होंने एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त करने के लिए संपर्क नंबर भी जारी किया है।
ग्राम पंचायत नुनेरा में अपने पंचायत के ग्रामीणों के लिए आपातकालीन एंबुलेंस सेवा प्रारंभ की गई है, जिससे कोरोना के इस भीषण संकट काल मे पंचायत के ग्रामीणों को एंबुलेंस या मेडिकल सुविधा के लिए भटकना न पड़े। क्षेत्र का शायद यह पहला गांव होगा, जहां छोटे से ग्राम पंचायत में एंबुलेंस सेवा प्रारंभ की गई है। ग्राम पंचायत नुनेरा के युवा सरपंच मुकेश श्रोते ने बताया कि यहां लगभग तीन हजार मतदाता सहित कुल पांच हजार की जनसंख्या है। गांव के लोगों के अलावा जो भी सरपंच मुकेश की इस पहल के बारे में सुन रहा, वह उनके कार्य की सहराहना किए बगैर नहीं रह पा रहा।
होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित मरीजों को अचानक एंबुलेंस की जरूरत पड़ जाए, किसी गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हो तो अस्पताल जाने के लिए उन्हें इन दिनों काफी परेशान होना पड़ रहा है। एंबुलेंस जैसी आपात सेवा को सुचारू बनाए रखने शासन-प्रशासन की ओर से भी समुचित प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं। यही वजह है जो महामारी की ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी जिले के लोगों को एंबुलेंस की जरूरत पूरी करने कई बार परेशान होकर यहां-वहां भटकने को विवश होना पड़ रहा है। यह भी बताया जा रहा कि कुछ एंबुलेंस संचालन इसका अनुचित लाभ उठाने जुटे हैं।