दंतैल हाथी ने तेंदूपत्ता महिला संग्राहक को मौत के घाट उतारा
कोरबा 10 मई। जंगली जानवरों को लेकर काफी समय से परेशानी झेल रहे वनमंडल कोरबा में एक बार फिर उत्पात शुरू हो गया है। वन परिक्षेत्र कुदमुरा में दंतैल हाथी ने एक महिला को निशाने पर लेने के साथ मौत की नींद सुला दिया। वह जंगल में तेंदूपत्ता संग्रहण कर रही थी। हादसे की जानकारी मिलने के बाद वनकर्मी ग्रामीणों के साथ यहां पहुंचे। करतला पुलिस ने प्रारंभिक सूचना के आधार पर मर्ग कायम किया है। प्रकरण में आगे की कार्यवाही की जा रही है।
जानकारी के अनुसार आज सुबह 9.30 बजे के आसपास यह घटना हुई। जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर गीतकुंवारी के घाटीतराई जंगल में हुई घटना में एक ग्रामीण महिला की मौत हो गई, जो जनजाति समुदाय से वास्ता रखती थी। इलाके के अनेक लोगों के साथ यह महिला नजदीक में तेंदूपत्ता संग्रहण के काम में लगी हुई थी। ग्रामीणों को ग्रीष्मकाल में इस काम में जुटने के साथ काफी आमदनी हो जाती है इसलिए तमाम खतरों को समझने के बावजूद वे संग्रहण को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते हैं। बताया गया कि 46 वर्षीय दिलमोती बाई राठिया पति साधराम राठिया गीतकुंवारी की निवासी थी जो वन विभाग के कक्ष क्रमांक 1103 के नजदीक अपने काम में लगी थी। इसी दरम्यान भीतरी हिस्से से दंतैल हाथी ने अपनी दखल बनाई और महिला को टारगेट करने के साथ उसकी जान ले ली। सूत्रों ने बताया कि दबे पांव पहुंचे हाथी को लेकर महिला जरा भी समझ नहीं पाई। यह सब घटनाक्रम इतनी जल्द हुआ कि किसी भी स्तर से किसी व्यक्ति को दखल करने का समय ही नहीं मिल सका। दंतैल के द्वारा पटक कर मारने से महिला की चीख निकल गई। इसे काफी दूर तक सुना गया। नतीजा ये हुआ कि जंगल के बड़े हिस्से में तेंदूपत्ता संग्रहण में जुटे लोग दहशत में आ गए। वे समझ चुके थे कि नजदीक में वन्य प्राणी का हमला हुआ है और इसमें जनहानि हुई है। सक्ते में आए लोगों ने किसी तरह खुद को बचाया और सुरक्षित स्थान की तरफ रूख किया। इस बारे में वन विभाग को सूचना दी गई। कुछ देर के बाद रेंजर कुदमुरा संजय लकड़ा अपने कर्मियों और ग्रामीणों के साथ सुरक्षा व्यवस्था के साए में उस इलाके की तरफ पहुंचे जहां से दंतैल की चिंघाड़ और महिला की चीख सुनाई दी थी। एक स्थान पर दंतैल के पैरों के निशान और महिला का शव पाया गया। शव की दुर्गति देखकर अंदाजा लगाया गया कि वन्य प्राणी का व्यवहार पिछली घटनाओं की तरह ही रहा। जिसने इस इलाके में इंसान की दखल होने पर अपने बुरे इरादे प्रदर्शित किये।
वन विभाग के द्वारा इस सिलसिले में खानापूर्ति की गई। स्थानीय पुलिस को सूचना दिए जाने पर उसकी टीम यहां पहुंची। 174 सीआरपीसी के अंतर्गत इस मामले में मर्ग कायम किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी करतला के चीरघर भेज दिया गया है। दिलमोती राठिया की मौत को लेकर एक बार फिर वन विभाग पर लोगों की नाराजगी बढ़ी है। प्रक्रियाओं के अंतर्गत प्रभावित परिवार को वन विभाग ने शुरूआती सहायता के रूप में 25 हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई है। सरकार ने ऐसे प्रकरणों में 6 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति देना सुनिश्चित किया है। बताया गया कि अंतिम रिपोर्ट बनाने और इसे प्रक्रिया में शामिल करने के साथ शेष राशि का भुगतान परिवार को किया जाएगा।