कृषि अनुसंधान केंद्र में चलाया गया स्वच्छता अभियान
कोरबा 7 जून। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कटघोरा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रांगण में स्वच्छता अभियान एवं वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया। तदोपरांत नेशनल वेबिनार ऑन इन्वायरमेंटल मैनेजमेंट सस्टेनेबल डेवलपमेंट द वे फारवर्ड का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम अधिष्ठाता डॉ.एस.एल.स्वामी द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया।
उन्होंने सतत् विकास के लिए पर्यावरण प्रबंधन आगे का मार्ग जैसे प्राकृतिक खेती एवं परंपरागत कृषि पर बल दिया। तत्पश्चात् कार्यक्रम का शुभारंभ ऑनलाइन माध्यम से मुख्य अतिथि आर के बाजपेयी संचालक अनुसंधान सेवाएं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के द्वारा किया गया। उनके द्वारा कृषि क्रियाओं से उत्पन्न होने वाली परेशानियों जैसे रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अत्याधिक मात्रा में उपयेाग से उत्पन्न प्रदूषण व उसके निदान के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण कृषि विकास पर विचार व्यक्त किया। एम पी ठाकुर अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रायपुर ने पर्यावरण दिवस की थीम परिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर प्रकाश डाला और जैविक कृषि एवं उन्नत किस्म के प्रयोग के बारे में बात की। साथ ही साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए कृषि में कीटनाशक व अन्य रसायनों का संतुलित उपयोग करने पर जोर दिया। जी के श्रीवास्तव भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने मनुष्य के विभिन्न क्रियाकलापों के फलस्वरूप उत्पन्न ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होने वाली समस्याओं एवं उसकी रोकथाम को कविता के माध्यम से व्याख्यान किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ नीलू सूद द्वारा प्रदूषण से फसल एक मजबूरी या विकल्प विषय, डॉ ओ पी मधुगुनी द्वारा वानिकी एवं जल विज्ञान सेवाएं विषय, डॉ आर के प्रजापति द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं जनजाति समुदायों की आजीविका के लिए एसटीएफपी का सतत् उपयोग विषय पर अपना व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के लगभग 100 वैज्ञानिक, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया तथा इन विशेषज्ञों के विचार से लाभान्वित एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रेरित हुए। कार्यक्रम के पश्चात् प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अभय बिसेन एवं योगिता कश्यप के द्वारा किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन सहायक प्राध्यापक जे पी भास्कर द्वारा किया गया।