December 24, 2024

ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कोरोना मरीजों में बढ़ सकती है ये दिमागी बीमारी, स्टडी में आया सामने

दिल्ली 15 जून। कोविड-19 का वायरस केवल सांस के संक्रमण को ही नहीं गंभीर बनाता है बल्कि मस्तिष्क पर भी इसका असर पड़ता है। न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया है कि इसके चलते मस्तिष्क में ग्रे मैटर कम होता है जो काफी खतरनाक होता है।

जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बुखार और ऑक्सीजन थेरेपी वाले गंभीर कोविड-19 रोगियों का अध्ययन किया तो उनके मस्तिष्क में ग्रे मैटर में पाई गई। यह अध्ययन न्यूरो बॉयोलॉजी ऑफ स्ट्रेस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इंडिया टुडे की खबर में न्यूरोलॉजिस्ट के हवाले से कहा गया है कि कोविड-19 के गंभीर मामले वाले ऐसे मरीज जिन्हें अस्पताल में भर्ती रहने के लिए ऑक्सीजन या वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत होती है उनमें न्यूरोलॉजिकल लक्षण विकसित होने का खतरा अधिक होता है।

ग्रे मैटर हमारे मस्तिष्क में सूचनाओं को संसाधित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके चलते व्यक्ति की स्मृति और भावनाओं को नियंत्रित कर सके। ग्रे मैटर न्यूरॉन्स और संचार के कामकाज को प्रभावित कर सकती है।

इस तरह के लक्षण उन मरीजों में मिलने की संभावना ज्यादा है जो पहले से मौजूद दिमागी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे जैसे रोगों से ग्रसित हैं। मस्तिष्क में कम ग्रे पदार्थ की मात्रा को कोविड -19 रोगियों में उच्च स्तर की विकलांगता से जोड़ा गया था।

Spread the word