राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने किया शिक्षकों का सम्मान, कोरबा जिले के दो शिक्षक शामिल
- शिक्षक हमारे सच्चे मार्गदर्शक और व्यक्तित्व निर्माता : राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके
- लोगों के विकास में शिक्षा सबसे बड़ा माध्यम: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
- राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का किया गया वर्चुअल आयोजन
कोरबा 22 जुलाई 2021. आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2020 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के 50 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में कोरबा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोथारी के व्याख्याता श्री धरम लहरे और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुदुरमाल के व्याख्याता श्री गौरव शर्मा शामिल हैं। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सभी सम्मानित होने वाले शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 हेतु चयनित चार शिक्षकों और राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित 48 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले के दोनों शिक्षकों को 21-21 हजार रूपए का बैंक ड्राफ्ट, शाॅल-श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करके सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके ने कहा कि शिक्षा हमें अज्ञानता के समस्त बंधनों से मुक्ति दिलाती है। शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। शिक्षक, केवल विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि एक अच्छे नागरिक बनने के गुण भी अपने विद्यार्थियों में विकसित करते हैं। शिक्षक विद्यार्थी के अन्दर छुपी प्रतिभा की पहचान कर उन्हें निखारते हैैं और जीवन जीने का सही तरीका सिखाते हैं। वे न केवल हमें ज्ञान की रोशनी देते हैं बल्कि सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला भी देते हैं, क्योंकि शिक्षक अपना पूरा जीवन, इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए समर्पित कर देते हैं। कोरोना काल में भी शिक्षकों ने शिक्षा के मुहिम को जारी रखा। मोहल्ला क्लास एवं आॅनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पूरे उत्साह एवं समर्पण के साथ शिक्षण के निरंतरता को बनाए रखा। राज्यपाल सुश्री उईके ने नई शिक्षा नीति के संबंध में कहा कि इसका उद्देश्य बच्चों का समग्र विकास करना और बच्चों को व्यावहारिक जानकारी तथा विभिन्न कौशल से युक्त करना है। इस नीति में समावेशी शिक्षा पर भी जोर दिया गया है, जिसमें विशेषकर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा पृथक से ‘जेंडर इन्क्लूजन फंड’ भी बनाया जाएगा, जिससे बालिकाओं को भी निर्बाध रूप से शिक्षा मिलती रहे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शिक्षक सम्मान के इस वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि समाज में शिक्षकों को हमेशा उच्च स्थान दिया गया है। प्रदेश में ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना में भी अपनी परम्पराओं का सम्मान और शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है। शिक्षा लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने यही हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान शिक्षक हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। भारत की वर्तमान शिक्षा पद्धति विविध विषयों और प्रौद्योगिकियों के बारे में हमारे ज्ञान के विस्तार को बढ़ाती हैं। यह हमें हमारी संस्कृति और नैतिकता के बारे में जानने में मदद करती हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के विषम काल में भी शिक्षा की बागडोर थामे रखने के लिए शिक्षक साथियों का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार समारोह में सम्मानित सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन शिक्षक दिवस में करने की परिपाटी रही है, लेकिन विगत वर्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के असामयिक निधन तथा कोरोना महामारी के कारण यह आयोजन नही हो पाया था। अभी प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम है और आगामी शिक्षक दिवस आने में अभी वक्त है। अतः इस बीच अपनी परम्परा को बनाए रखने के लिए यह आयोजन किया गया।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शिक्षक सम्मान के अवसर पर कहा कि जन्म से लेकर सम्पूर्ण जीवन काल में गुरू का उच्च स्थान है। गुरू हमें आने वाली कठिनाईयों से बचने और लड़ने की तैयारी कराते हैं। वर्तमान कोरोना काल में शिक्षकों ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। शिक्षकों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन पढ़ाई, मोहल्ला क्लास, पढ़ाई तंुहर दुआर जैसे नवाचार के माध्यम से लाखों बच्चों में अध्ययन-अध्यापन की अलख जगाए रखी। स्कूल शिक्षा मंत्री के द्वारा कार्यक्रम में वर्ष 2020 में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए चयनित 54 शिक्षकों के नामों की घोषणा की गई। इन शिक्षकों में कोरबा जिले के दो शिक्षक व्याख्याता श्री राकेश टंडन एवं प्रधानपाठक श्री सर्वेश सोनी शामिल हैं। समारोह में कृषि मंत्री श्री रवीन्द्र चैबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डाॅ. कमलप्रीत सिंह और राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलको मौजूद रहे। सम्मानित शिक्षकगण कार्यक्रम में आॅनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में कोरबा जिले के 15 शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा गया है। आज दो शिक्षकों को राज्यपाल सम्मान मिलने से अब जिले में यह संख्या 17 हो गई है। इस वर्ष सम्मानित किए गए शिक्षकों में व्याख्याता श्री धरम लहरे नेे जिगसा राॅबिन अनुपयोगी वस्तुओ से शिक्षण सामग्री का निर्माण तथा पुरातात्विक एवं प्राकृतिक परिदृश्यों का भ्रमण कराकर शिक्षण को प्रभावशाली एवं रोचक बनाया तथा इनका परीक्षाफल उत्तम रहा। इन्होंने राज्य स्तरीय क्रीडा एवं पर्यावरण सेमीनार की प्रतियोगिता में विद्यालय को पुरस्कार दिलाने में योगदान दिया। इन्हें विद्यालय एवं पंचायत स्तर पर उत्कृष्ट शिक्षण सम्मान प्राप्त हुआ है। व्याख्याता श्री गौरव शर्मा ने काफी कम समय में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनके अध्यापन के मुख्य विषय रसायन शास्त्र में छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। इन्होंने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, पाठ्यपुस्तक लेखन कार्यशाला व अन्य शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राज्य स्रोत समूह के रूप में कार्य करते हुए सक्रिय सहभागित प्रदान की है। शिक्षण के अलावा शाला के भौतिक संसाधन जैसे- बाउंड्री वाॅल, कन्या प्रसाधन एवं फर्नीचर की व्यवस्था आदि करने में भी योगदान रहा है। श्री शर्मा ने नवाचार के माध्यम से भौतिक, रसायन व जीवविज्ञान को लैपटाॅप तथा प्रोजेक्टर के माध्यम से अध्यापन कार्य कराया व कबाड़-जुगाड़ उपयोग की अवधारणाओं को भी स्पष्ट कराया।