November 21, 2024

सिंगरौली में हाईपावर और ज्वांइट कमेटी की बैठक 29 को

कोरबा 23 जुलाई। जेबीसीसीआई को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। इसे लेकर फंसे हुए पेंच पर मंत्रणा जारी है। इस बीच मध्यप्रदेश के एनसीएल सिंगरौली में हाईपावर और ज्वांइट कमेटी की बैठक इस महीने के अंतिम दिनों में होना है। इस बारे में संबंधितों को सूचित कर दिया है। संकेत दिए गए हैं कि यह बैठक अंतिम दो दिन तक हो सकती है। इसमें पिछली अनुशंसा के क्रियान्वयन पर चर्चा होना है।

कोल इंडिया के श्रम शक्ति और औद्योगिक संबंध मामलों के महाप्रबंधक अजय चौधरी के द्वारा इस बारे में 21 जुलाई को सूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया कि ज्वांइट कमेटी के संदर्भ में यह बैठक होना है। कार्यालय के द्वारा आदेश संख्या एक्सएससी 304 दिनांक 28 जून 2019 को जारी किया गया था जो लंबित था। उक्तानुसार समिति के द्वारा पूर्व में जारी की गई अनुशंसा पर क्रियान्वयन को लेकर विचार करना है। उच्चस्तरीय और संयुक्त समिति ने इसके लिए 29 जुलाई को बैठक करना तय किया है। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के एनसीएल के सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से यह बैठक शुरू होना है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि बैठक अगले दिवस यानी 30 जुलाई तक जारी रह सकती है। बैठक में संबंधित सभी बिन्दुओं की जानकारी अधिकारियों व सदस्यों को दे दी गई है। कोल इंडिया ने बैठक में अपेक्षित बीसीसीएल के कार्मिक निदेशक पीवी आरएन रावए एनसीएल के वित निदेशक रामनारायण दुबेए एसईसीएल के कार्मिक और औद्योगिक संबंध मामलों के महाप्रबंधन एके सक्सेनाए सीआईएल के माइनिंग मामलों के मुख्य प्रबंधक जे मजुमदार सहित बीएमएस के प्रतिनिधि सुधीर घुरडेए एचएमएस के नाथूलाल पांडेयए एटक के रविन्द्र कुमार और सीटू के डीडीरामानंदन को इस संबंध में अवगत कराया गया है। इसी के साथ बैठक के बारे में एनसीएल के कार्मिक निदेशकए कोल इंडिया के कार्यपालक निदेशक समन्वयए एनसीएल के महाप्रबंधक कार्मिक औद्योगिक संबंधए एनसीएल कार्मिक निदेशक के समन्वय अधिकारी को भी जानकारी दी गई है और इस बैठक के संबंध में सभी जरूरी प्रबंध करने को कहा गया है।

खासबात यह है कि एनसीएल सिंगरौली में आयोजित की जा रही संयुक्त कमेटी और हाईपावर कमेटी की दो दिवसीय बैठक से इंटक को अलग रखा गया है। उसके प्रतिनिधि इसमें अपेक्षित नहीं माने गए है। इससे पहले जेबीसीसीआई से संबंधित मामलों की बैठकों में उसकी भूमिका नहीं रही। इसे लेकर इंटक के एक धड़े की ओर से कोर्ट में याचिका लगाई गई और मामले को चुनौती दी गई है।

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