कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन के साथ चार सेंट्रल ट्रेड यूनियन की परिचयात्मक बैठक रांची में
एटक, एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह होंगे शामिल
कोरबा 20 अगस्त। 24 अगस्त को 12.30 बजे से निदेशक कार्मिक, कोल इंडिया श्री विनय रंजन के साथ चार सेंट्रल ट्रेड यूनियन की परिचयात्मक बैठक रांची में आमंत्रित की गई है। एटक के एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह इस बैठक में आमंत्रित है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक हर संगठन से तीन-तीन नेताओं को आमंत्रित किया गया है। एटक यूनियन से एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद कामरेड रमेंद्र कुमार, एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह एवं एनसीएल के सबसे बड़े यूनियन एटक के महामंत्री कामरेड अजय कुमार को आमंत्रित किया गया है। इससे एसईसीएल एटक कार्यकर्ताओं में प्रसन्नता की लहर है। कोल इंडिया स्तर पर कामरेड हरिद्वार सिंह जेबीसीसीआई के वैकल्पिक सदस्य के रूप में पहले से ही भाग ले रहे हैं, प्राकृतिक आपदा ट्रस्ट के कोल इंडिया के विगत 13 वर्षों से सदस्य हैं और अभी निदेशक कार्मिक कोल इंडिया के साथ परिचयात्मक बैठक में भाग लेने के लिए एटक के द्वारा नाम भेजे जाने से मजदूरों में एवं एटक के कार्यकर्ताओं में इस बात की खुशी है की विगत 40 वर्षों से कामरेड हरिद्वार सिंह जिस बहादुरी से मजदूरों की लड़ाई, आदिवासियों की लड़ाई, सट्टा व शराब के खिलाफ पदयात्रा, ठेका मजदूरों के लिए संघर्ष, गांव गांव में मेडिकल शिविर लगा कर के निशुल्क ग्रामीणों में दवा का वितरण कराना और यहां तक की लगभग दो दशक पहले कुष्ठ रोगियों के लिए एक बहुत बड़ा शिविर का आयोजन अनूपपुर जिले के झिरिया टोला गांव में लगवाए थे जिसमें 350 कुष्ठ रोगियों का उपचार हुआ था, और स्वस्थ होकर के गए थे।
स्वभाव से कामरेड हरिद्वार सिंह गरीबों की लड़ाई लड़ते रहे हैं, शराब माफिया से लड़े और पुलिस और प्रशासन से भी लड़ने में कभी पीछे नहीं रहे और यही वजह है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता से हरिद्वार सिंह के अच्छे संबंध है और सभी राजनीतिक पार्टी के नेता उन्हें इज्जत की नजरों से देखते हैं। कामरेड हरिद्वार सिंह 40 साल पहले लाल झंडे को उठाए और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने, कभी पार्टी और संगठन बदलने के बारे में विचार नहीं किया और उनकी निष्ठा एवं सिद्धांत की सभी लोग चर्चा करते रहते हैं। स्वार्थ और सुविधा के लिए कभी संगठन बदलने के बारे में विचार भी नहीं किए। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक उच्च अधिकारी ने कहा कामरेड हरिद्वार सिंह उद्योग का भी हित चाहते हैं और मजदूरों का भी भला चाहते हैं, ऐसे नेता एसईसीएल में दुर्लभ है कामरेड हरिद्वार सिंह एसईसीएल कल्याण बोर्ड में विगत 26 वर्षों तक रहे और 2015 से अभी एसईसीएल के संचालन समिति के सदस्य हैं, हर मजदूरों के ज्वलंत सवाल को मुस्तैदी के साथ उठाते हैं। बैठक के पहले इकलौते ट्रेड यूनियन नेता कामरेड हरिद्वार सिंह हैं जो लिखित रूप से एजेंडा प्रबंधन को प्रस्तुत करते हैं। छोटी से छोटी सवालों पर भी गंभीरता से चर्चा करते हैं और यह ट्रेड यूनियन से ऊपर उठकर के आम मजदूरों में भी हरिद्वार सिंह की प्रशंसा होती रहती है। ऐसी स्थिति में कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक के साथ परिचयात्मक बैठक में हरिद्वार सिंह का भाग लेना कोल इंडिया के मजदूरों के साथ साथ एसईसीएल के मजदूरों के लिए निश्चित रूप से खुशी की बात है। सर्व विदित है कि किसी भी हालत में मजदूरों के हित के सवाल पर सरकार हो या कोयला प्रबंधन या प्रशासन कामरेड हरिद्वार सिंह समझौता नहीं कर सकते हैं। यही मजदूरों में विश्वास है और यही प्रसन्नता का कारण है। करोना जैसे महामारी के समय कामरेड हरिद्वार सिंह ने 70 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया और पूरे महामारी काल में रात में 5 घंटे से अधिक नहीं सो, निरंतर उनकी सेवा में लगे रहे। अभी केंद्रीय अस्पताल मनेंद्रगढ़ में ब्लड बैंक की शुरुआत हुई है, ब्लड बैंक खोलने में भी कामरेड हरिद्वार सिंह की बहुत बड़ी भूमिका है। कई बार प्रबंधन के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मिलकर के और ब्लड बैंक खोलने की आवश्यकता पर गंभीरता से चर्चा करते रहे और की गई बातचीत से प्रबंधन को अवगत कराते रहें। एसईसीएल में एटक एकलौती संस्था है जिसके अंदर शून्य गुटबाजी है, यह कामरेड हरिद्वार सिंह के नेतृत्व क्षमता का परिणाम है। कामरेड हरिद्वार सिंह के एटक मध्यप्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष बनने के साथ, यूनियन के अंदर हर क्षेत्र में तेजी से उभार आया है। हर क्षेत्र में संगठन का विस्तार हो रहा है, उनकी निष्पक्ष छवि के सभी कायल हैं।