November 7, 2024

राहुल गांधी से सवाल- तब क्या उनकी माता जी देश बेच रही थीं.?

नईदिल्ली 24 अगस्त I कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के संदर्भ में एक आरएफपी तब घोषित हुआ जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि जिस सरकार की मुखिया उनकी माता जी थी वे सरकार देश बेचने का दुस्साहस कर रही थी।

ईरानी ने कहा कि मंगलवार को वित्त मंत्री द्वारा राष्ट्रीय विमुद्रीकरण पाइप लाइन की, जो घोषणा की गई है उसमें स्पष्ट कहा गया कि सरकार अपना स्वामित्व बरकरार रखेगी। मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया में सरकार के स्वामित्व को यथावत रखने के साथ-साथ ये भी चिन्हित किया गया कि सभी राज्य अपने नोडल ऑफिसर इस प्रक्रिया के लिए घोषित करेंगे। क्या राहुल गांधी का ये मानना है कि वो राज्य सरकारें भी जो इस प्रकार का मॉनेटाइजेशन कांग्रेस के नेतृत्व में कर रही हैं, वो सब भी अपने राज्यों को बेचने का काम कर रही हैं? उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के साथ जिस सरकार ने राष्ट्र की तिजोरी को भरने का काम किया और कांग्रेस के लुटेरों से सुरक्षित किया उस सरकार पर छींटाकशी करने का राहुल गांधी का प्रयास है।

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे में 8000 करोड़ का विमुद्रीकरण किया था
ईरानी ने कहा कि महाराष्ट्र में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे में 8000 करोड़ का मॉनेटाइजेशन किया गया था, क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र में एक्सप्रेस वे बेच दिया। 2006 में देश के एयरपोर्टों के निजीकरण की शुरुआत उस सरकार ने की जिसकी मुखिया सोनिया गांधी थीं, तो क्या राहुल गांधी का ये आरोप है कि उनकी सरकार ने रोड, रेल और साथ ही एयरपोर्ट बेच डाला?

राहुल ने लगाया 70 साल की पूंजी बेचने का आरोप
बता दें, इससे पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि 70 साल में जो भी देश की पूंजी बनी, मोदी सरकार ने उसे बेचने का काम किया है। रेलवे को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। पीएम सब कुछ बेच रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि ’70 साल में कुछ नहीं हुआ’ और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी उसे बेचने का फैसला ले लिया है, मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया।’

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