November 7, 2024

महर्षि वाल्मीकि आश्रम कोरबा में श्रद्धाजंलि, जगदेव राम जी के जाने से वनवासी समाज को अपूरणीय क्षति

कोरबा 17 जुलाई। महर्षि वाल्मीकि आश्रम में कल्याण आश्रम का राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव राम को श्रद्धाजंलि दी गई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कोरबा विभाग संघ चालक श्री सत्येंद्र दुबे ने कहा कि मुझे उनके साथ प्रत्यक्ष कार्य करने का मौका लगा और उनके अनुभव का लाभ हमेशा मिला। वे एक समर्पित कार्यकर्ता थे। वनवासी समाज के लिए किए गए कार्य स्वर्णिम अक्षरों में लिखा रहेगा। कर्मनिष्ठ, सरल, सहजएमृदुभाषी और किसी भी कार्यकर्ता के साथ तुरंत हिल मिल जाना उनके स्वभाव में था। उनके जाने पर समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
उन्होंने बताया कि जशपुर के पास ग्राम कोडमो में उनका जन्म हुआ थौ। प्राथमिक शिक्षा के बाद 1962में वे आगे की शिक्षा के लिए जशपुर आ गए और वहीं 12 वर्ष के उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और कल्याण आश्रम संपर्क में आये। तब से समाज सेवा में अनवरत कार्य करते रहे। हायर सेकण्डरी परीक्षा पास करने के पश्चात 1969-70 में तात्याटोपे राज्य शारिरिक शिक्षा महाविद्यालय से सी. पी. एड. शारिरिक शिक्षण प्राप्त किया। इसी बीच 1968मे संघ का तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण हुआ। 1971 में कल्याण आश्रम में शारिरिक शिक्षक नियुक्त हुये।1969 में उन्हें अखिल भारतीय कार्यकारिणी में सदस्य बनाया गया था। कल्याण आश्रम के संस्थापक बाला साहब देशपांडे के निज सचिव नियुक्त हुए और बाला साहेब के अस्वस्थ होने पर उन्हें अध्यक्ष की आवश्यकता होंने पर जगदेव जी को कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। श्री बाला साहेब के निधन के पश्चात उन्हें कल्याण आश्रम का राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व प्राप्त हुआ जिसे आज पर्यन्त निर्वहन किया। विद्या भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री चंद्रकिशोर श्रीवास्तव ने कहा कि जगदेव जी उरांव समाज के सरलएऔर ध्येय निष्ठ कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात जाना वनवासी समाज की बहुत बड़ी क्षति है।उन्होंने वनवासी क्षेत्रों में होने वाले धर्मांतरण के विरुद्ध अनेको कार्य किये हैं।संघ के कार्यकर्ता के नाते संगठन को बहुत नुकसान हुआ है।जिसकी भरपाई करना मुश्किल है। हमारी सच्ची श्रद्धाजंलि होगी जब हम उनके कार्य को और भी गति दें और भी आगे बढ़ायें।
वनवासी विकास समिति कोरबा अध्यक्ष सुब्रमण्यम के. ने कहा कि वनवासियों को संगठित कर समाज मे उनके विकास के लिए अपना जीवन लगाया।उनके
जैसे त्यागीएसज्जनएमृदुभाषी जैसे कार्यकर्ता मिलना मुश्किल है। जिला संघ चालक कोरबा श्री किशोर बुटोलिया ने कहा कि किसानों और वनवासी का
संगठन कार्य किया वे हैं जगदेव राम जी उरांवएवनवासी समाज असंगठित हैं, किसान हैं उनका एक महासंघ देश मे बने यह उनका चिंतन था और अपने इस चिंतन को मूर्त रूप में देने हेतु उनका पूरा जीवन व्यतीत हुआ।संघ के कार्यकर्ता जो प्रचारक के रूप में अपना जीवन प्रारंभ करते हैं और प्रचारक के रूप में ही पूर्ण सक्रियता के साथ कार्य करते हुए मृत्यु को प्राप्त किया यह जगदेव जी ने किया।प्रचारक जीवन मे कई प्रकार की विकृति आती हैं उनसे दूर रहकर अपना पूरा जीवन समाज के विकास, उत्थान के लिए समर्पित किया। आज उनके प्रारम्भ किये कार्य को परिणाम में पहुँचाने का काम हम सभी का है यही उनके लिए श्रद्धांजलि होगी और उनका आशीर्वाद हमे प्राप्त होगा। कार्यक्रम में वनवासी विकास समिति के प्रान्त सह सचिव महेश गुप्ता, रामकिशोर श्रीवास्तव, अरुण मिश्रा, सुरेश गुप्ता, राजनारायण गुप्ता, गोपाल केडिया एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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