November 22, 2024

देश को मिला ऐसा नेशनल हाइवे, जहां उतरकर दोबारा उड़ान भर सकते हैं लड़ाकू विमान

नईदिल्ली 10 सितम्बर। गुरुवार 9 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान देश का दूसरा ऐसा राज्य बन गया, जहां आपात स्थिति में लड़ाकू विमानों को हाइवे पर उतार कर दोबारा उड़ान भरी जा सकेगी। जी हां, भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सरहद से 40 किलोमीटर भारतीय इलाके में ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत एक ऐसा हाइवे तैयार किया गया है, जहां से लड़ाकू विमानों का संचालन किया जा सकेगा।

*कहां बनाया गया है रनवे ?*
अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटे जालोर जिले के चितलवाना में एनएच-925ए पर भारतमाला परियोजना के तहत रनवे बनाया गया है। जालोर जिले के अगड़ावा से सेसावा के बीच आपातकालीन हवाई पट्टी बनकर तैयार हो गई है। इस पट्टी का आपात स्थिति के समय वायुसेना और सेना के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

*कुल कितनी आई लागत ?*
करीब 33 करोड़ की लागत से बनी इस हाइवे की हवाई पट्टी का लोकार्पण देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 9 सितम्बर को सुबह 11 बजे किया। 

एनएचएआई की ओर से भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बने हाइवे पर 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बाड़मेर-जालोर बॉर्डर पर बनाई गई है।

*क्या है खास ?*
एनएचएआई की ओर से भारत माला प्रोजेक्ट के तहत आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए भारत- पाकिस्तान बॉर्डर की यह पहली हवाई पट्टी है, जिसका लोकार्पण करने के लिए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पहली बार सीधे हाइवे की आपातकालीन हवाई पट्टी पर ही उतरे।

जालोर जिले के गांधव (बाखासर) में भारत माला हाइवे एनएच-925ए पर बनी आपातकालीन हवाई पट्टी 3000 मीटर (3 किमी) लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपये लागत आई है। भारत-पाकिस्तान तारबंदी बॉर्डर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर यह हवाई पट्टी बनाई गई है।

*फाइटर प्लेन के पार्किंग तक की सुविधा*
हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40 गुणा 180 मीटर की दो पार्किंग भी बनाई गई है, ताकि, फाइटर प्लेन को पार्किंग में रखा जा सके। इसके अलावा 25 गुणा 65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है, जो पूरी तरह से वॉशरूम सुविधायुक्त है। हवाई पट्टी के सहारे से 3.5 किमी. लंबी 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है। बॉर्डर इलाके में गांधव से साता, बाखासर, गागरिया तक एनएच-925 और 925ए का निर्माण करवाया गया है। ये हाइवे 2019 में ही पूरा हो गया था। भारतमाला प्रोजेक्ट के इन दोनों हाइवे पर करीब 962 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भारतीय वायुसेना के लिए फाइटर प्लेन की आपातकालीन लैंडिंग के लिए एनएचएआई की ओर से गांधव के पास 3 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण करवाया गया है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सामरिक व आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से देश की यह महत्वपूर्ण परियोजना है। इसका निर्माण भारतीय सेना को मजबूत करने और सैन्य सुविधाएं सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए करवाया गया है।

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