November 22, 2024

UP: भाजपा दे रही है अपने तीस लाख बूथ कार्यकर्ताओं को दीपावली का उपहार

लखनऊ 28 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खुद को बूथ स्तर तक मजबूत करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसी को देखते हुए भाजपा ने अपने तीस लाख बूथ कार्यकर्ताओं को दीपावली के उपहार भेजे हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बूथ प्रबंधन पर जोर दिया था और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के घर जाकर, भोजन करके एक परिवारिक माहौल बनाने की कोशिश की थी। अमित शाह ने प्रदेश के हर क्षेत्र में बूथ स्तर के सम्‍मेलनों को भी संबोधित किया।

उसी क्रम में पार्टी ने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को दीपावली का उपहार भेजा है। शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह लखनऊ आ रहे हैं और उनकी सभा भी आयोजित की गई है। राज्‍य में एक लाख 63 हजार बूथ हैं और भाजपा ने डेढ़ लाख से अधिक बूथों पर 20-20 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। राज्य में भाजपा के 30 लाख से अधिक बूथ स्तर के कार्यकर्ता हैं। पार्टी ने बूथ कमेटी के सभी सदस्यों को उपहार भेजा है। उपहार के पैकेट में तोरण द्वार और कमल दीपक है। कमल दीपक मिट्टी का दीया है जो भाजपा के चुनाव चिह्न कमल के आकार का है।

भाजपा के प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने बृहस्पतिवार को से कहा कि हम सब एक साथ काम करते हैं और बूथ कार्यकर्ता भाजपा परिवार की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। दीपावली पर उपहार देने की परंपरा रही है इसलिए पार्टी ने 30 लाख से अधिक बूथ कार्यकर्ताओं को दीपावली का उपहार भेजा है।

पाठक से जब पूछा गया कि क्या उपहार के जरिए भी चुनाव प्रचार हो रहा है तो उन्होंने कहा, ‘पार्टी का पूरा ध्यान 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है और चुनाव चिह्न जन-जन के बीच ले जाना स्वाभाविक प्रक्रिया है। कमल का दीपक जलेगा तो न केवल अंधेरा मिटेगा बल्कि यह विश्वास भी मजबूत होगा कि मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) और योगी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) की सरकारों ने विकास योजनाओं की जो कड़ी शुरू की है, उस श्रृंखला को और आगे बढ़ाया जाएगा और उन्हें तेजी से पूरा किया जाएगा।’

भारतीय जनता पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार के खिलाफ परिवर्तन की मुहिम शुरू की और राज्य में चार दिशाओं से परिवर्तन यात्राएं निकालकर अपना संकल्प दोहराया था। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और सहयोगी दलों को 325 सीटों पर विजय मिली। इस जीत के पीछे भाजपा के बूथ प्रबंधन की रणनीति को ही राजनीतिक विश्लेषकों ने सबसे कारगर माना था।

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