July 4, 2024

परिजनों ने जालसाजी कर बैंक खाता से निकाल लिया 26 लाख रूपया, शिकायत


बैंक प्रबंधन और पुलिस में नहीं हो रही सुनवाई

रायपुर। 11 दिसम्बर। भारतीय स्टेट बैंक से एक खाताधारक के परिजनों ने ऑन-लाईन और चेक के जरिये करीब 26 लाख रूपयों की निकासी कर गबन कर लिया। खाताधारक ने बैंक में शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मामले की शिकायत पुलिस में भी की गयी है, मगर पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देवराज पटेल की फर्म विनायक ट्रेडिंग कंपनी का खाता क्रमांक 30171908478 भारतीय स्टेट बैंक की भनपुरी शाखा रायपुर में संचालित है। देवराज पटेल ने आरोप लगाया है कि उनके इस बैंक खाते से निलेश पटेल पिता मंगलदास और मंगलदास पटेल पिता स्व. कानजी भाई पटेल ने ऑन लाईन तथा फर्म के चेक पर खाताधारक का फर्जी हस्ताक्षर कर करीब 26 लाख रूपयों से अधिक राशि की हेरा-फेरी तथा गबन कर लिया है। खाताधारक देवराज पटेल और मंगलदास पटेल रिश्ते में सगे भाई हैं।

शिकायतकर्ता देवराज पटेल के अनुसार इस बात की जानकारी होने के बाद उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की भनपुरी शाखा में 11 जनवरी 2021 और 25 मार्च 2021 को आवेदन देकर बैंक प्रबंधन से उक्त राशि रिकव्हर करने का अनुरोध किया। मगर बैंक प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। सूचना का अधिकार 2005 के तहत आवेदन देकर उक्त लेनदेन की जानकारी मांगने पर 28 अक्टूबर 2021 को बैंक द्वारा विवरण दिया गया, जिससे पता चला कि फर्म के चेक पर फ र्जी हस्ताक्षर कर और ऑनलाईन ट्रांसफर कर करीब 26 लाख रूपयों से अधिक राशि का गबन किया गया है।

देवराज पटेल ने आरोप लगाया है कि बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों की मिली भगत के बिना उक्त फर्जी लेनदेन संभव नहीं हो सकता। बैंक से कार्रवाई नहीं होने पर देवराज पटेल ने दस्तावेजों के साथ मामले की शिकायत 02 जुलाई 21 और 11 अक्टूबर 21 को खमतराई पुलिस थाना में भी की गयी है। परन्तु पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। देवराज पटेल ने नगर पुलिस अधीक्षक उरला रायपुर से मामले की लिखित शिकायत कर निलेश पटेल और मंगलदास पटेल सहित बैंक अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता 63 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक है और शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने के कारण स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहा है। देवराज पटेल ने मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुईया उइके से की है और न्याय दिलाने का अनुरोध किया है।

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