खबर का असर: राशन दुकानों में घटिया चावल वितरण, दो क्वालिटी इंस्पेक्टर स्थानांतरित
कोरबा 4 जनवरी। न्यूज़ एक्शन की खबर ने आज अपना असर दिखा दिया। शासकीय राशन दुकानों में अमानक चावल आबंटन के मामले में नॉन यानी नागरिक आपूर्ति निगम के कोरबा जिले में पदस्थ दो क्वालिटी इंसपेक्टर का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है।
आपको बता दें कि हाल ही में जिले के राशन दुकानों में घटिया चावल वितरण की शिकायत सामने आई थी। इसके बाद कलेक्टर श्रीमती रेणू साहू ने नान के गोदामों में चावल की जांच का आदेश दिया था। कोरबा और छुरी के गोदामों में 59 स्टेक की जांच की गई जिसमें 5 स्टेक का चावल अमानक श्रेणी का पाया गया था। शेष 54 स्टेक का चावल मानक श्रेणी का मिला।
इस आधिकारिक जानकारी के बाद न्यूज़ एक्शन ने सवाल पूछा था कि नान के गोदाम में अमानक श्रेणी का चावल आया कैसे? जबकि चावल जमा लेने से पहले नान के क्वालिटी इंस्पेक्टर चावल की गुणवत्ता की जांच करते हैं। न्यूज़ एक्शन ने यह प्रश्न भी खड़ा किया था कि पूर्व में जो चावल जमा करते समय मानक श्रेणी का था, वह अब अमानक कैसे हो गया? पूर्व में गलत रिपोर्ट दी गई थी या वर्तमान जांच में गलत रिपोर्ट दी गई है?
न्यूज़ एक्शन की इस खबर पर रायपुर में त्वरित प्रतिक्रिया हुई और जिले के दो क्वालिटी इंस्पेक्टर का अन्यत्र तबादला कर दिया गया। लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हो जाता। इस मामले में और किन किन लोगों की जिम्मेदारी बनती है? खाद्य विभाग जिले में राशन वितरण की कैसी निगरानी करता है कि जन शिकायत के बाद उसे जिले में घटिया राशन वितरण की जानकारी होती है? मानक श्रेणी का बताए गए 54 स्टेक में से किसी स्टेक में भविष्य में घटिया चावल पाया जाता है तो उसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? परिवहन ठेकेदार जिम्मेदार होगा या राशन दुकानदार की बलि ली जाएगी? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं, जिनका उत्तर भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन अवसर आने पर ये सवाल भी जवाब मांगेंगे।