December 23, 2024

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कोरबा 31 जनवरी। माघ मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक का समय गुप्त नवरात्र का रहता है। इस वर्ष गुप्त नवरात्र 2 फरवरी से शुरू हो रही है। प्रतिपदा मंगलवार सुबह 11.16 बजे से शुरू हो जाएगा, जो बुधवार को सुबह 8.31 बजे तक रहेगी।

प्रतिपदा सूर्योदय व्यापनी होने से गुप्त नवरात्र का प्रारंभ 2 फरवरी से माना जाएगा। इस नवरात्रि में द्वितीया तिथि का क्षय होने के कारण प्रतिपदा एक साथ हो जाएगी। नवमीं तिथि 9 फरवरी को होने से गुप्त नवरात्र सिर्फ 8 दिन की होगी। इस नवरात्र में देवी आराधना व पूजन देवी भक्तों द्वारा मंदिरों व घरों में की जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार गुप्त नवरात्र में मां भगवती के नौ स्वरूपों के साथ दस विद्याओं की आराधना की जाती है। मोहन, वशीकरण, उच्चाटन आदि तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी यह समय विशेष रहता है। गुप्त नवरात्र की शुरुआत 2 फरवरी को घट स्थापना के साथ होगी। 3 फरवरी को गौरी तृतीया व्रत पूजन, 4 को विनायक तिल चतुर्थी, 5 को बसंत पंचमी व सरस्वती जयंती, 6 को सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 5.09 बजे से प्रारंभ होकर दूसरे दिन सुबह 7.23 बजे तक रहेगा। 7 फरवरी को नर्मदा जयंती, 8 को भीमा अष्टमी पर्व और सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 9.26 बजे से दूसरे दिन 7.21 बजे तक रहेगा। 9 फरवरी को नवमीं पूजन होगा।

पंचांग के अनुसार प्रथम चैत्र मास में पहली वासंतिक नवरात्र कहलाती है। इस दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ भी होता है। आषाढ़ शुक्ल में दूसरी गुप्त नवरात्रि, आश्विन शुक्ल पक्ष में तीसरी यानि शारदीय नवरात्र आती है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद माघ में चौथी संवत की आखिरी नवरात्र आती है। आषाढ़ व माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इन नवरात्र में साधक गुप्त रूप से मां दुर्गा की साधना करते हैं। हसदेव नदी तट पर स्थित मां सर्वमंगला मंदिर, मां भवानी, चैतुरगढ़ पाली की महिषासुर मर्दिनी, मां कोसगाई देवी मंदिर समेत अंचल के ख्याति प्राप्त देवी दरबारों में गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष अनुष्ठान होंगे। जहां साधन व मंदिर के पुजारी कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए पूजा विधि करेंगे।

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