पुलिस जवानों को सिखाए गये बलवा ड्रील के महत्व
कोरबा 20 फरवरी। औद्योगिक नगरी कोरबा में ला एंड आर्डर की स्थिति आए दिन बनी रहती है। इससे निपटने में पुलिस कहीं कमजोर न रहे, इसलिए बलवा माकड्रील किया गया। इस अभ्यास के दौरान अश्रुगैस छोड़ने, वाटर केनन का इस्तेमाल करने व लाठी चलाने के गुर सिखाए गए। माकड्रील में 10 राउंड हवाई फायरिंग भी की गई।
शनिवार को पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में सुबह बलवा ड्रील परेड बलवा ड्रील रिहर्सल किया गया इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल उपस्थित रहे। बलवा ड्रील की अगुवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने किया। इस अवसर पर बलवा ड्रील के महत्व को समझाते हुए पुलिस अधीक्षक पटेल ने बताया कि समाज मे शांति व्यवस्था बनाए रखने व कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए कई बार पुलिस को बल का प्रयोग करना आवश्यक हो जाता है। बल प्रयोग कब और किस सीमा तक किया जाना चाहिए, यह घटना की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। मानवाधिकारों की रक्षा करते हुए कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल प्रयोग कब और किन परिस्थितियों व किस सीमा तक किया जाना चाहिए, इसकी जानकारी सभी पुलिस अधिकारियों एवं कार्यपालक दंडाधिकारियों को स्पष्ट होना चाहिए। ताकि मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए कम से कम बल प्रयोग कर कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटा जा सके।
इस दौरान रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा द्वारा कानून व्यवस्था में लगे बल के कमांडर की भूमिका निभाई गई । दंगा फसाद कर रहे बलवाइयों को पहले चेतावनी देकर बिखर जाने का आदेश दिया गया। इसके बाद वाटर केनन का इस्तेमाल, अश्रु गैस का प्रयोग, बेंत व लाठी का प्रयोग कर दंगा समाप्त करने का प्रयास किया गया। सभी प्रयास असफल हो जाने पर अंत में गोली चालन का प्रदर्शन किया गया। दंगा समाप्त होने के पश्चात घायलों को अस्पताल पहुंचाने, उनका उपचार कराने एवं संपूर्ण घटनाक्रम का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान कार्यपालिक दंडाधिकारी दंडाधिकारी के रूप में अतिरिक्त कलेक्टर सुनील नायक, एसडीएम हरि शंकर पैकरा, तहसीलदार पंचराम सलामे समेत अन्य कार्यपालिक दंडाधिकारी के साथ ही ट्रैफिक डीएसपी शिवचरण परिहार, रक्षित निरीक्षक अनथराम पैकरा, सूबेदार भुनेश्वर कश्यप समेत जिले के सभी थाना चौकी प्रभारी उपस्थित रहे।