November 8, 2024

कोरबा जिला बारदाना घोटाला में नहीं हो सकी कार्रवाई, अब गुरुवार को जाएंगे खाद्य अधिकारी जांच में

कोरबा 5 अगस्त। जिले में कस्टम मिलिंग के काम में हुए बारदाना घोटाले की बुधवार को जांच नहीं हो सकी। अब खाद्य विभाग के अधिकारी गुरुवार 6 अगस्त को जांच के लिए कटघोरा जाने की बात कह रहे हैं।
मंगलवार को फूड ऑफिसर ए के चतुर्वेदी ने इस सम्बन्ध में कहा था कि उन्हें प्रकरण की सूचना मिली है और वे बुधवार को जांच करेंगे। लेकिन आज सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि व्यस्त होने के कारण वे जांच के लिए आज नहीं जा सके। अब कल जाएंगे।
याद रहे कि कोरबा जिले में बारदाना घोटाला हो गया है। बारदाना के खेल में राईस मिल मालिक और शासकीय ओहदेदारों ने शासन को लाखों रूपयों की चपत लगा दी है और अपनी जेब गरम कर ली है।
जानकारी मिली है कि इस वर्ष कोरोना संकट के बावजूद वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का काम अब तक चल रहा है। कारण भी कोरोना संकट के चलते लागू लाॅक डाउन ही रहा। बहरहाल कस्टम मिलिंग में एक ओर जहां गुणवक्ता से खिलवाड़ कर भारी मात्रा में कनकी मिला चांवल नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में जमा किया गया है, वहीं दूसरी ओर पड़ोसी जिला जांजगीर चांपा के राईस मिल मालिको ने नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर लाखों रूपयों के बारदाना घोटाला को अंजाम दे दिया है।
नागरिक आपूर्ति निगम के भीतर खाने से आ रही खबरों से पता चलता है कि -पिछले दिनों जांजगीर चांपा के राईस मिल मालिको ने भारी मात्रा में कस्टम मिलिंग का चांवल नाॅन के कटघोरा भण्डार गृह में जमा किया है। शासन के आदेशानुसार कस्टम मिलिंग का चांवल नये बारदाना में जमा किया जाना है। लेकिन जांजगीर चांपा के लगभग सभी राईस मिल मालिको ने पुराने बारदानो में कटघोरा गोदाम में चांवल जमा किया है। नए की जगह पुराना बारदाना देने पर मिल मालिक को 37 रुपये का अवैध लाभ मिलता है। इसी लाभ के लिए हजारों पुराना बारदाना में चावल जमा कर दिया गया है। इससे शासन को लाखों रुपयों की क्षति पहुंची है।
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