November 22, 2024

डीएफओ के फर्जी हस्ताक्षर से चार करोड़ का कार्यादेश जारी, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

कोरबा 4 जून। करीब चार करोड़ रुपये का फर्जी कार्यादेश वन मंडल कोरबा कार्यालय के नाम से जारी किए जाने का मामला सामने आया है। धमतरी के एक प्रतिष्ठान से फेसिंग तार खरीदने के आदेश की कापी वन मंत्रालय रायपुर पहुंची, तो मंत्रालय के अफसर भौचक रह गए। इस पर वन मंडलाधिकारी डीएफओ से जवाब तलब किया गया तो फर्जी कार्यादेश होने का पर्दाफाश हुआ। इस मामले की शिकायत डीएफओ ने पुलिस में की है। अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया गया है।   

वन मंडलाधिकारी कोरबा डीएफओ प्रियंका पांडेय ने रामपुर पुलिस चौकी में इस मामले में जो शिकायत दर्ज कराई है, उसके अनुसार अंबिकापुर के टिंबर व्यापारी मनीष गोयल ने 20 मई को डीएफओ को मोबाइल पर संपर्क कर पूछा कि जयश्री कंस्ट्रक्शन को वन मंडल से गालवनाइसड वायर 10 एमएम का कार्यादेश जारी किया गया है। वह संस्थान मुझे यह काम करने कह रहा है, इसलिए मैं आपसे अनुमति लेना चाह रहा था। यह सुन कर डीएफओ ने वन विभाग से जारी किए गए सभी कार्यादेशों की जांच की। इस दौरान इस तरह के कोई कार्यादेश जारी होने के प्रमाण नहीं मिले, तब डीएफओ ने कार्यादेश की प्रति वाट्सअप के माध्यम से मांगी। कार्यादेश कोरबा वनमंडलाधिकारी कार्यालय के नाम से जारी किया गया था और उसमें किए गए डीएफओ के हस्ताक्षर भी फर्जी थे। डीएफओ ने मनीष गोयल को सतर्क करते हुए बता दिया कि यह कार्यादेश फर्जी है और जिसने भी इसके माध्यम से आपको काम देने कहा है, उसे न करें। इसके साथ ही डीएफओ ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस में लिखित तौर पर की है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि डीएफओ की शिकायत पर कूटरचना करने वाले अज्ञात आरोपितों के खिलाफ  धारा 420, 467, 468, 469, 471 पंजीबद्ध किया गया है।   

डीएफओ पांडेय ने अपनी शिकायत में जानकारी दी है कि 20 मई को ही उस कार्यादेश को मानचित्रकार जो कोरबा वनमंडल को सभी कार्यादेश जारी करते हैं, को वाट्सअप कर जानकारी ली। उस पर उन्होने भी इसे फर्जी बताया। उसके एक जून को मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय बिलासपुर से स्पष्टीकरण जारी करते हुए इस कार्यादेश का जिक्र किया गया। इसकी सूचना मैंने उच्च कार्यालय को अवगत करा दिया है। डीएफओ ने अपनी शिकायत में कहा है कि इस फर्जी कार्यादेश को जारी करने के पीछे की मानसिकता क्या है। ऐसा क्यों किया गया, इस तरह की यह दूसरी घटना है। उन्होने अंदेशा जताया है कि मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने के उद्देश्य से किया जा रहा। इसकी जांच कर साजिश रचने वालों के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की जाए।

Spread the word