समाज में अंधविश्वास को समाप्त करने वैज्ञानिक सोच का होना जरूरी
कोरबा 22 अगस्त। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के कोरबा इकाई के मार्गदर्शन में विज्ञान क्लब शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा ने वैज्ञानिक सोच की जरूरत पर परिचर्चा व कोई भी महिला टोनही नहीं, विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डा. प्यारेलाल आदिले प्राचार्य व विभागाध्यक्ष राजनीति विभाग जेबीडी कला एवं विज्ञान महाविद्यालय कटघोरा ने बताया कि कोई भी महिला टोनही नहीं होती। हम अपनी असफलताओं और अपने साथ की अप्रिय घटनाओं को कुछ महिलाओं के साथ जोड़कर देखते हैं और मान लेते हैं कि उनके कारण यह सब घटनाएं हुई हैं। उनको हम टोनही साबित करने की कोशिश करते हैं। इस कार्य में पुरुष प्रधान समाज के बैगा लोगों की विशेष भूमिका होती है। यह सब हमारे अंदर व्याप्त अंधविश्वास के कारण होता है। इसे समाप्त करने के लिए हम सभी के अंदर वैज्ञानिक सोच का होना अत्यंत आवश्यक है तथा समाज में अंधविश्वास के विरूद्ध शिक्षा व जागरूकता लाने की आवश्यकता है। संस्था के व्याख्याता राकेश टंडन ने कहा कि समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए सभी विद्यार्थियों तथा समाज में वैज्ञानिक सोच को उत्पन्न कर अंधविश्वास को खत्म करने की आवश्यकता है। व्याख्याता राकेश टंडन ने भूत प्रेत, जादू टोना, आत्मा के अवधारणा का वैज्ञानिक विश्लेषण कर बताया कि किस तरह की भूतप्रेत अवधारणा से लोग प्रभावित होते हैं और बैगा लोग कैसे उन्हें समाप्त करते हैं इसका वैज्ञानिक विश्लेषण बताया। संस्था के प्राचार्य जीपी लहरे ने बताया कि कोई भी महिला टोनही नहीं होती हमारे अंधविश्वास की सोच के कारण किसी महिला को हम टोनही साबित करने की कोशिश करते हैं। सदन की राय में वैज्ञानिक सोच ही एक बेहतर नागरिक का निर्माण कर सकती है विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
वरिष्ठ व्याख्याता तथा शिक्षाविद राजेश कुमार नवरंग ने तथाकथित चमत्कारों का वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए छात्र-छात्राओं के अंदर वैज्ञानिक सोच उत्पन्ना करने के लिए समाज में हो रहे विभिन्ना घटनाओं तथा सामाजिक परिवर्तनों के बारे में विश्लेषण कर तथ्यपरक और वैज्ञानिकता पर आधारित हो उस पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समाज में परिवर्तन हो रहे सामाजिक व्यवस्था जिसके अंतर्गत छात्रों के बजाय छात्राओं की शिक्षा में रुचि तथा उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के कारणों का वैज्ञानिक विश्लेषण करते हुए बताएं कि किस तरह से छात्राएं समाज में आगे आ रही हैं । उन्होंने सभी छात्र छात्राओं को वैज्ञानिक सोच के साथ सामाजिक परिवर्तन करते हुए संस्कारिक विकास उत्पन्ना करने के लिए कहा तथा देश के सभी नागरिकों के अंदर भाइचारे की भावना विकसित करते हुए कुछ घटनाओं का विवरण करते हुए बताया कि हमें वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करते हुए सामाजिक सुरक्षा के बारे में भी वर्तमान परिस्थिति में सोचना बहुत ही आवश्यक हो गया है। इस कार्यक्रम में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरदा के 480 से अधिक छात्र .छात्राओं ने भाग लिया तथा परिचर्चा के विषय पर अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता पीपी अंचल ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सुरेंद्र कुमार अंचल विज्ञान शिक्षक, उत्तम सिंह मरावी व्याख्याता अंग्रेजी, अनुज कुमार जांगड़े व्याख्याता हिंदी ने अपने विचार प्रस्तुत किए।