अनाधिकृत विकास व निर्माण का पुन: होगा नियमितीकरण, शासन ने किया प्रावधानों को सरलीकृत, मिलेगा अधिकाधिक लोगों को लाभ
![](https://korbapost.com/wp-content/uploads/2022/08/30-kr-12.jpg)
छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण के संदर्भ में आयोजित हुई कार्यशाला, महापौर ने सभापति, आयुक्त की उपस्थिति में किया कार्यशाला का शुभारंभ
कोरबा 30 अगस्त। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास नियमितीकरण अधिनियम में सरलीकृत करते हुए नियमितीकरण संशोधन अधिनियम 2022 को लागू किया गया है, अब पुन: अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण किया जाएगा। प्रावधानों को सरलीकृत किए जाने से अब अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ प्राप्त हो सकेगा तथा बिना स्वीकृति या स्वीकृति के विपरीत किए गए सभी अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण का लाभ लोग ले सकेंगे। इस हेतु निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित व्यक्ति को आवेदन करना होगा।
प्रियदर्शनी इंदिरा स्टेडियम परिसर स्थित राजीव गांधी आडिटोरियम में छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण संशोधन अधिनियम 2022 के प्रावधानों की जानकारी देने हेतु नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने कार्यशाला का शुभारंभ किया, इस मौके पर सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी, आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय के साथ ही मेयर इन काउंसिल के सदस्यगण, पार्षदगण विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा व्यापक जनहित को देखते हुए क्रियान्वित किए गए अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण संशोधन अधिनियम के तहत अपने अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण कराएं तथा शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाएं। उन्होने कहा कि इसका अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो, लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचे, इस हेतु हम सभी को अपने दायित्व निभाने होंगे ताकि अधिकाधिक लोग अपने अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण करा सकें। इस मौके पर सभापति श्री श्यामसुंदर सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि निश्चित रूप से राज्य सरकार का यह कदम जनहित में एक बड़ा कदम है तथा इसका अधिक से अधिक लोग लाभ उठाएं, अपने अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण कराएं।
प्रावधानों का सरलीकरण से होगा ज्यादा लोगों को लाभ – इस अवसर पर आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि राज्य सरकार ने जनहित को ध्यान में रखकर अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण का निर्णय लिया है, जो एक वर्ष के लिए पुन: प्रभावशील किया गया है, इस संशोधन अधिनियम में प्रावधानों व नियमों को सरल बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होने वार्ड पार्षदों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने-अपने वार्ड के लोगों को इसकी जानकारी दें, उन्हें प्रेरित करें कि वे अपने अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण करा लें। आयुक्त श्री पाण्डेय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि बिना स्वीकृति के या स्वीकृति के विपरीत किए गए विकास व निर्माण अनाधिकृत निर्माण के अंतर्गत आते हैं, जो मास्टर प्लान से हटकर होते हैं, उन्होने निगम के जोन कमिश्नरों व मैदानी अधिकारी कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अनियमित विकास व निर्माण की पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध करें ताकि उन सभी से आवेदन लिए जा सके तथा नियमितीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
कार्यशाला में रहे उपस्थित -सम्पन्न कार्यशाला में जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष सुरेन्द्रप्रताप जायसवाल, शहर अध्यक्ष एवं मेयर इन काउंसिल सदस्य सपना चौहान, ब्लाक अध्यक्ष एवं एम.आई.सी.सदस्य संतोष राठौर, टाऊन एवं कंट्री प्लानिंग के उपसंचालक श्री कंवर, एम.आई.सी.सदस्य सुखसागर निर्मलकर, मुकेश राठौर, पार्षद रितु चौरसिया, रवि सिंह चंदेल, पवन गुप्ता, धनश्री अजय साहू, शाहिद कुजूर, एल्डरमेन रेखा त्रिपाठी व आरिफ खान, विनय कुमार, दीपका सी.एम.ओ. भोला सिंह ठाकुर, निगम के अधीक्षण अभियंता एम.के.वर्मा, भवन अधिकारी अखिलेश शुक्ला, उपायुक्त पवन वर्मा, आर्किटेक्ट इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह एवं अन्य आर्किटेक्ट इंजीनियर्स, निगम के कार्यपालन अभियंतागण, सहायक अभियंतागण, जोन उप प्रभारी, उप अभियंतागण एवं पी.एम.ए.वाई. के सी.एल.टी.सी.आदि के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
13 जुलाई 2023 तक रहेगा प्रभावशील – राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम में सरलीकृत करते हुए नियमितीकरण संशोधन नियम अधिनियमित किया गया है, जो 13 जुलाई 2023 तक एक वर्ष के लिए प्रभावशील रहेगा, इसके पूर्व वर्ष 2016-17 में एक वर्ष तक इसे प्रभावशील किया गया था।
इन अनाधिकृत विकास का हो सकेगा नियमितीकरण – छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितीकरण संशोधन अधिनियम 2022 के प्रावधानों के तहत निर्धारित शास्ति दर के अनुसार राशि जमा कराकर जिन अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण किया जा सकेगा, उनमें पाश्र्व खुला स्थान, तल क्षेत्र अनुपात, भूमि उपयोग में परिवर्तन, पार्किंग स्थल तथा पहुंच मार्ग की चौड़ाई आदि शामिल हैं। अनाधिकृत विकास आवासीय उपयोग हेतु किया गया है, तब विकसित फर्शी क्षेत्र के आधार पर नियमितीकरण किया जा सकेगा।