July 4, 2024

पेड़ों की कटाई: क्रांति सेना ने किया विरोध प्रदर्शन, पुतला भी फूंका

कोरबा 29 सितम्बर। हसदेव अरण्य में कोयला खनन के लिए पेड़ों की कटाई के विरोध में छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना के प्रदेश संगठन के आह्वान पर बुधवार को देर शाम कोरबा के नेताजी सुभाष चौक में संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश का पुतला दहन किया।

गौरतलब है कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान विस्तार के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है जिसका क्षेत्रीय मूलनिवासियों और छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना संगठन द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। प्रदेश के स्वास्थ मंत्री एयर वरिष्ठ कांग्रेस नेता टी एस सिंहदेव सहित क्षेत्र के काँग्रेस नेताओं द्वारा पेड़ न काटे दिए जाने के आश्वासन के बाद लोगों में यह उम्मीद थी कि राज्य सरकार की ओर से स्थानीय निवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी जाएगी परंतु मंगलवार 27 सितम्बर से प्रशासन द्वारा करीब 400 पुलिस जवानों की सुरक्षा में बगैर किसी पूर्व सूचना के हजारों पेड़ों को काटने का कार्य अचानक शुरू कर दिया गया जिसके उपरान्त स्थानीय निवासियों व क्रान्ति सेना के सदस्यों में प्रशासन के खिलाफ भारी नाराजगी है। ऐसे में कोरबा शहर के नेताजी सुभाष चौक में छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना के कार्यकर्ताओं ने शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन किया।

याद रहे कि स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों के प्रखर विरोध के बावजूद छत्तीसगढ़ में हसदेव के जंगलों पर आरी चल गई है। वन विभाग, प्रशासन और अडानी कंपनी ने मंगलवार सुबह 5 बजे पेड़ों की कटाई शुरू करा दिया था। विरोध कर रहे ग्रामीणों को जबरन पकड़कर पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। किसी को कटाई वाले क्षेत्रों में नहीं जाने दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पेड़ों की यह कटाई पेण्ड्रामार जंगल के इलाके में हो रही है। यहां बासेन से बंबारू तक 45 हेक्टेयर के घने जंगल में पेड़ काटे जाने हैं। यह कटाई परसा ईस्ट केते बासन खदान के दूसरे फेज के लिए हो रही है। खदान के इस विस्तार से सरगुजा जिले का घाटबर्रा गांव उजड़ जाएगा। वहीं एक हजार 138 हेक्टेयर का जंगल भी उजाड़ा जाना है। इस क्षेत्र में परसा खदान के बाद इस विस्तार का ही सबसे अधिक विरोध था। यह खदान राजस्थान सरकार को आबंटित है, जिसके लिए कोयला खनन का कार्य अडानी द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस ने मंगलवार को सुबह होने से पहले ही खदान के विरोध में आंदोलन कर रहे 20 से अधिक आदिवासी ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया था।

जिन लोगों को पुलिस ले गई थी उनमें पतुरियाडांड के सरपंच उमेश्वर सिंह आर्मो, घाटबर्रा के सरपंच जयनंदन सिंह पोर्ते, बासेन के सरपंच श्रीपाल सिंह और उनकी पत्नी, पुटा के जगरनाथ बड़ा, राम सिंह मरकाम, साल्ही के ठाकुर राम कुसरो, आनंद कुमार कुसरो, बासेन के श्याम लाल और उनकी पत्नी और शिव प्रसाद की पत्नी शामिल थे। जंगलवार को देर शाम इन सबको निशर्त रिहा कर दिया गया था। सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने फोन पर बताया कि कटाई वन विभाग करा रहा है। अभी फिलहाल 45 हेक्टेयर का जंगल काटा जा रहा है। सरकारी काम में कोई विघ्न न डाले इसके लिए वहां पुलिस फोर्स लगाई गई है। ग्रामीणों को भी सहयोग करने को कहा जा रहा है।

Spread the word