भू-विस्थापितों ने लिया रोजगार व बसाहट के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प
कोरबा 6 अक्टूबर।अपनी जमीन देकर देश के हर घर को रोशन करने और कोरबा जिला को देश दुनिया में पहचान देने वाले भू विस्थापित किसान जमीन देने के बाद भी अपनी आजीविका और जीवन के अंधकार को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले भूविस्थापित किसान रोजगार की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुवाई में भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले प्रत्येक खेतेदार को रोजगार देने की मांग को लेकर 340 वें दिन दशहरा त्योहार के दिन भी धरना में बैठे रहे और किसानों की जमीन अधिग्रहण करने के बाद रोजगार से वंचित करने वाले अहंकार में डूबी कोल इंडिया के अहंकार का दहन किया और रोजगार बसावट के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया।
एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने लगातार 340 दिन से धरना पे बैठे भू विस्थापितों ने असमानता, शोषण के खिलाफ लडऩे और जमीन अधिग्रहण के बदले प्रत्येक खेतेदार को रोजगार मिलने तक संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ कुसमुंडा मुख्यालय के सामने दशहरा त्योहार मनाया। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल ने किसानों के जमीन को अधिग्रहण करने के बाद भू विस्थापितों को मिलने वाले रोजगार से वंचित रखा है किसानों से आजीविका के साधन को धोखा देकर छीनने के बाद जिला प्रशासन का सहारा लेकर अहंकार में डूबी हुई है किसानों ने बड़े -बड़े तानाशाह के अहंकार को ठीक किया है दशहरा के दिन एसईसीएल के तानाशाही रवैया और अहंकार का दहन कर प्रबंधन से अहंकार छोड़कर देश को रोशन करने के लिए जमीन देने वाले भूविस्थापित किसानों को तत्काल रोजगार देने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है। मुख्यालय के सामने प्रमुख रूप से रेशम यादव, दामोदर श्याम,जय कौशिक, मोहन यादव, बृजमोहन, नरेंद्र यादव,सुमेन्द्र सिंह ठकराल,रघु यादव, सम्मेलाल,अनिल बिंझवार, रघुनंदन, सनत,दीनानाथ, हरी, होरी,मुनीराम के साथ बड़ी संख्या में भूविस्थापित रोजगार एकता संघ और किसान सभा के कार्यकर्ता उपस्थित।