November 8, 2024

मिट्टी बचाओ अभियान में भागीदार बन रहा मिनीमाता स्कूल

0 बच्चों को किया गया प्रोत्साहित
कोरबा। मिनीमाता स्कूल बालकोनगर में मिट्टी के प्रति प्रेम और उससे जुड़े जागरूकता के प्रसार-प्रचार के लिए संपूर्ण भारत के यात्रा पर निकले सुरेंद्र अन्ना का बीते दिनों आगमन हुआ। इसी कड़ी में स्कूल प्रबंधन ने उनकी उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया। सुरेंद्र अन्ना ने जो उद्बोधन में दिया वह पूर्ण रूप से मिट्टी को बचाने उसके स्वास्थ्य को सुधारने और उसके प्रति प्रेम और समर्पण जगाने वाला रहा। सभी बच्चों, शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने बड़े ही उत्साह और ध्यान से सुना और समझने का प्रयास किया।
इसके पूर्व विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में भाग लेकर जिन बच्चों ने पेंटिंग बनाया तथा प्रधानमंत्री को मिट्टी को बचाने हेतु प्रयास करने के लिए स्मरण पत्र लिखा उन सभी बच्चों को विशेष तौर पर सुरेन्द्र अन्ना के हाथों से प्रशस्ति पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 50 से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र का वितरण किया गया। इसके माध्यम से सभी छात्र मिट्टी और इसकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का आगे भी प्रयास करेंगे। बच्चों के तैयार किए गए पेंटिंग्स और पत्रों को सेव सॉइल वालंटियर की ओर से सेव सॉइल की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड किया गया है, जिसे देश विदेश के लोग बेहद पसंद कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन मिनीमाता स्कूल बालको के प्राचार्य भोजेन्द्र सिंह ने किया। माधुरी सिंह, शशि सिंह, गोपाल दास, रेणु शाह, निली व अन्य शिक्षकों और लगभग 500 छात्रों की उपस्थिति में स्कूल प्रबंधन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मिट्टी बचाओ अभियान के वालंटियर सुरेंद्र अन्ना, ललित देवांगन एवं पुष्पेंद्र जायसवाल भी उपस्थित रहे। मिट्टी और पर्यावरण के प्रति स्कूल का यह पहल काफी महत्वपूर्ण और सराहनीय रहा।
0 जारी रहेगी यात्रा
मध्यप्रदेश के ग्राम वीरपुरा निवासी सुरेन्द्र यादव मिट्टी और पर्यावरण सरंक्षण के अभियान को लेकर तमिलनाडु के ईशा फाउंडेशन में स्थित आदियोगी, कोयबंटूर से जम्मू की यात्रा साइकिल से पूरी कर चुके हैं। अब द्वारका से अरुणाचल प्रदेश की साइकिल यात्रा पर हैं। इसी कड़ी में वे महाराष्ट्र होते हुए छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। देश व प्रदेश के लोगों को जागरूक करने के उदेश्य से इस बहुद्देशीय यात्रा पर निकले हैं। राजनंदगांव, रायपुर, भिलाई, भाटापारा, बिलासपुर, चांपा और कोरबा प्रवास पूर्ण हो गया है और वर्तमान में वे रायगढ़ में हैं। वहां से होते हुए ओडिशा जायेंगे। उनकी त्याग और समर्पण के साथ मिट्टी के लिए अलख जगाने की यह यात्रा लगातार जारी रहेगी।

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